नई दिल्‍ली : लाल किले की प्रचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की।

पिछले कई वर्षों से बुलेटप्रूफ कांच के पार से सिर झुकाकर कागज पर लिखा भाषण पढ़ते प्रधानमंत्री को देखने की अभ्यस्त जनता के ‌लिए नया अनुभव था। देश के 16 वें प्रधानमंत्री ने कई पंरपराओं को तोड़ दिया।

68वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री ने ‌बिना लिखा भाषण दिया। ये भाषण कई महत्वपूर्ण घोषणाओं से भरा था। प्रधानमंत्री ने गरीबों को बैंकों से जोड़ने, गांवों के विकास, पर्यावरण के विकास के लिए सफाई, आईटी सेक्टर और निर्माण के क्षेत्र के विकास का संकल्प लिया। इन्हीं संकल्पों के जरिए उन्होंने देश के विकास खाका सामने रखा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के गरीब परिवारों को बैंक‌िंग सेवाओं से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री जन-धन योजना की घोषण की। प्रधानमंत्री ने कहा कि कई घरों में मोबाइल है, लेकिन बैंक में खाता नहीं है।

प्रधानमंत्री जन-धन योजना के जरिए गरीब से गरीब आदमी को बैंकों से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत खुलने वाले बैंक खातों पर एक लाख रूपए की बीमा सुविधा दी जाएगी।

मोदी ने कहा, 'सरकार देश के प्रत्येक परिवार को बैंकिंग सेवाओं के दायरे में लाना चाहती है। सरकार का मानना है कि बैंकिंग सेवाओं से जुडने पर लोगों में बचत की भावना बढ़ेगी और वे अधिक बचत कर राष्ट्र निर्माण में भागीदार होंगे।'
मोदी ने लाल किले की प्राचीर से एक बार फिर युवाओं में स्कि‌ल डेवलेंपमेंट की बात की।

उन्होंने कहा कि स्किल डेवलपमेंट का उद्देश्य रोजगार पैदा करन और युवाओं में कौशल का विकास करना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को आगे ले जाने के लिए निर्माण क्षेत्र को मजबूत करना होगा।

मोदी ने देश में निर्माण क्षेत्र के विकास के लिए नया नारा दिया-कम एंड मेक इन इंडिया। उन्होंने कहा, मैं दुनिया भर से अपील करता हूं, आईए हिंदुस्तान में निर्माण कीजिए। आप कहीं भी बेचें लेकिन निर्माण यहां करें। हमारे पास 'स्किल' भी है और 'टैलेंट' भी।'

जीरो ड‌िफेक्‍ट, जीरो इफेक्टः प्रधानमंत्री ने देश के युवाओं का निर्माण क्षेत्र से जुड़ने की अपील की। उन्होंने देश में निर्माण क्षेत्र के विकास के लिए 'जीरो ड‌िफेक्‍ट, जीरो इफेक्ट' का फार्मूला दिया।  

उन्होंने कहा युवा उद्यमी ऐसी चीजें बनाए जो जीरो ‌डिफेक्ट यानी बिना किसी खराबी के हों और जीरो इफेक्ट यानी पर्यावरण बुरा प्रभाव ना डालें।
प्रधानमंत्री में ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए 'डिजिटल इंडिया' का मंत्र दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‌डिजिटल इंडिया देश के लिए एलीट कॉन्सेप्ट नहीं हर गया है। देश के विकास के लिए डिजिटल तकनीकी के उपयोग की आवश्यकता है।

उन्होंने कहाकि पहले भारत को सपेरों का देश माना जाता था, लेकिन कंप्यूटर पर उंगुलियं दौड़ाने वाले हमारे नौजवानों ने देश की छवि बदल दी। अब ब्रॉडबैंड का प्रयोग ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के विकास में करने के जरूरत है।

मोदी ने कहा कि स्वास्‍थ्य क्षेत्र में टेलीमेडिसिन के इस्तेमाल की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हम इलेक्ट्रॉनिक सामानों का आयात करते हैं, ले‌किन यदि इनका न‌िर्माण करें तो देश को लाभ होगा।
मोदी ने कहा क‌ि देश में पर्यटन के विकास की पर्याप्त संभावना है, लेकिन हर ओर फैली गंदगी इसमें बाधा बनी हुई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में मैं जो काम सबसे पहले करना चाहता हूं वह सफाई है।

लाल किले की प्राचीर से उन्होंने पूछा कि 2019 में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती सफाई का संकल्प लेकर नहीं मनाई जा सकती? वही सफाई पसंद करते थे, क्या उस दिन हम सफाई का संकल्प नहीं ले सकते।

उन्होंने कहा कि सरकार देश के सभी स्कूलों में टॉयलेट के निर्माण का संकल्प करती और कॉर्पोरेट सेक्टर भी इस दिशा में पहल करें।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ये शर्म की बात है क‌ि हमारी औरतों को शौच जाने के ‌लिए अंधेरा होने का इंतजार करना पड़ता है। मोदी ने कहा, मैं लाल किले से ये बात कर रहा हूं, यह बहुत ही शर्मनाक है।
नरेंद्र मोदी ने गांवों के विकास के लिए सांसद आदर्श ग्राम योजना की घोषणा की।

मोदी ने कहाकि देश में प्रधानमंत्री के नाम पर कई योजनाएं हैं। कुछ योजनाएं नेताओं के नाम पर भी है। मैं एक योजना सांसदों के नाम पर शुरू करने की घोषणा करता हूं- सांसद आदर्श ग्राम योजना।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके तहत हर सांसद को अपने चुनाव क्षेत्र में एक गांव को चुनना होगा तथा वहां सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराकर उसे 2016 तक आदर्श गांव का रूप देना होगा। वर्ष 2019 में आम चुनाव से पहले उन्हें एक और गांव को आदर्श गांव बनाने का काम करना होगा। इसके बाद पांच वर्ष में हर साल एक गांव को आदर्श गांव बनाना होगा।

मोदी ने कहा कि 11 अक्टूबर को जयप्रकाश नारायण की जयंती पर वे इस योजना का खाका देश के सामने रखेंगे।