नई दिल्ली। इंग्लैंड का केनिंगटन ओवल मैदान, ये वो मैदान है जहां भारत के लिए जीत एक सपने की तरह है। भारत को इंग्लैंड के खिलाफ इस सीरीज का आखिरी टेस्ट इसी मैदान पर खेलना है और यहां जीतना टीम इंडिया के लिए बड़ी चुनौती है। बड़ी चुनौती इसलिए की यहां पर भारत को पिछले 43 वर्षो से जीत नसीब नहीं हुई। इस मैदान पर भारत को आखिरी बार साल 1971 में जीत मिली थी और टीम के कप्तान थे अजीत वाडेकर। हालांकि इसके बाद टीम इंडिया ने ओवल में 6 टेस्ट मैच खेले मगर एक में भी उसे जीत नहीं मिली।
भारत ने केनिंगटन ओवल में अब तक कुल 11 मैच खेले हैं। इसमें भारत को एक में जीत, तीन में हार और सात मैच ड्रॉ रहे। ओवल में भारत ने अपना पहला मैच 1936 में खेला था और इस मैच में उसे 9 विकेट से हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद 1946 और 1952 में इस मैदान पर दोनों टीमें एक-दूसरे से भिड़ी मगर मैच ड्रॉ रहा। 1959 में दोनों टीमें एक बार फिर इस मैदान पर आमने-सामने थे मगर इस बार भारतीय टीम हार गई। इसके बाद 1979 और 2002 में ओवल में भारत और इंग्लैंड का मुकाबला हुआ और इस बार दोनों के बीच का मुकाबला ड्रॉ रहा। भारत को आखिरी बार 2011 में धौनी की कप्तानी में ही इस मैदान पर पारी और 8 रन से हार का सामना करना पड़ा था।
अब एक बार फिर धौनी की अगुवाई में टीम इंडिया शुक्रवार को इंग्लैंड के खिलाफ अपना 5वां और आखिरी टेस्ट मैच खेलने उतरेगी। यहां टीम पर दोहरा दबाव है। एक तो ये मैच जीतकर सीरीज बराबर करने का और दूसरा 43 साल से चला आ रहा हार का सिलसिला तोड़ने का।