जयपुर । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वीडियो कॉन्फ्रेस के जरिए चिकित्सा शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में सभी नये स्वीकृत मेडिकल कॉलेजों के निर्माण का काम समयबद्ध रूप से पूरा किया जाए। साथ ही, कोविड की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर सभी चिकित्सा महाविद्यालयों में ऑक्सीजन, जनरेशन प्लांट, ऑक्सीजन एवं आईसीयू बैड तथा शिशु स्वास्थ्य सुविधाओं को तेजी से मजबूत किया जाए। 
उन्होंने कहा कि राजस्थान देश का पहला ऐसा राज्य है, जो सभी जिलों में राजकीय मेडिकल कॉलेज की स्थापना की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। ऐसे में स्वीकृत मेडिकल कॉलेजों का काम समय पर पूरा करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।  मुख्यमंत्री ने कहा कि मेडिकल कॉलेजों का काम पूरा होने से प्रदेश में विशेषज्ञ चिकित्सा संस्थानों का बड़ा नेटवर्क तैयार होगा और रोगियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सकेंगी। उन्होंने कहा कि जिन जिलों में मेडिकल कॉलेजों का निर्माण चल रहा है, उसे गति दी जाए और जहां भूमि आवंटन का काम प्रक्रियाधीन है, उसे शीघ्र पूरा कर जल्द से जल्द निर्माण शुरू किया जाए। गहलोत ने कहा कि वर्तमान एवं भावी आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर मेडिकल कॉलेजों के निर्माण कार्य करवाए जाएं। इनके निर्माण में गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाए। निर्माण कार्य टाइम बाउण्ड रूप से पूरा करने के लिए मॉनिटरिंग सेल का गठन किया जाए।  मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि मेडिकल कॉलेज एवं इनसे संबद्ध चिकित्सालयों में ऑक्सीजन प्लांट्स की स्थापना, ऑक्सीजन, आईसीयू एवं वेंटीलेटर बैड्स की संख्या में बढ़ोतरी, नवजात एवं शिशु गहन चिकित्सा इकाई में बैड बढ़ाने सहित अन्य स्वास्थ्य सुविधाएं विकसित करने का काम तेजी से किया जाए। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि नए मेडिकल कॉलेजों का काम समय पर पूरा होने से विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी को दूर किया जा सकेगा और प्रदेशवासियों को अपने जिले में ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी।  चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि प्रदेश में जिन नये मेडिकल कॉलेजों की स्वीकृति प्राप्त हुई है। हमारा प्रयास है कि जल्द इनका निर्माण पूरा हो ताकि प्रदेशवासियों को इनका शीघ्र लाभ मिले। प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अखिल अरोरा ने बताया कि कोविड के दृष्टिगत सीएचसी एवं पीएचसी स्तर तक भी चिकित्सा सुविधाओं को और मजबूत किया जा रहा है। साथ ही मेडिकल कॉलेजों में चिकित्सक शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने का काम भी प्राथमिकता के साथ किया जा रहा है। चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया ने बताया कि बीते करीब ढाई वर्ष में प्रदेश में संचालित सरकारी मेडिकल कॉलेजों में यूजी सीट्स 1950 से बढ़कर 2830, पीजी सीट्स 1072 से बढ़कर 1255, तथा सुपर स्पेश्यलिटी सीट्स 106 से बढ़कर 125 हो गई हैं। साथ ही, संबद्ध चिकित्सालय 52 से बढ़कर 56 हो गये हैं। नए मेडिकल कॉलेजों के प्रारम्भ होने से इनकी संख्या में और बढ़ोतरी होगी।