नई दिल्ली । सरकार चाहती है कि भारतीय कंपनियां बड़े पैमाने पर विदेश में विस्तार करें। कंपनियां पूरी भारतीय टीम के साथ विदेश में प्रोजेक्ट लगाएं। इसके लिए सरकार कंपनियों को हर संभव प्रोत्साहन देने को तैयार है। सरकार ने कई क्षेत्रों की पहचान की है, जिनमें प्रोजेक्ट एक्सपोर्ट को बढ़ावा दिया जा सके। खासतौर पर स्वास्थ्य सेवा देने वाली कंपनियों को विशेष तौर पर प्रोत्साहित किया जाएगा।
घरेलू उद्योगों के विकास की दिशा में मोदी सरकार की यह नई सोच है। सूत्र बताते हैं कि वाणिज्य व उद्योग विभाग के साथ विचारों के आदान प्रदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी यह सोच जाहिर भी कर चुके हैं। मंत्रालय मान रहा है कि घरेलू उद्योग की हालत सुधारने में यह कदम कारगर साबित हो सकता है। इसके लिए सरकार विभिन्न देशों में संभावित क्षेत्रों का पता लगाने के लिए अपने विदेश स्थित दूतावासों की भी मदद लेगी। वाणिज्य व उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण का मानना है कि ऐसे कई क्षेत्र हैं, जहां भारतीय कंपनियां विदेश में अपनी संभावनाएं तलाश सकती हैं। ऐसी परियोजनाओं के लिए सरकार की तरफ से विशेष मदद भी दी जा सकती है। खासतौर पर स्वास्थ्य सेवाओं को इस मामले में एकदम उपयुक्त माना जा रहा है।
सीतारमण ने कहा कि पहले दौर में हेल्थ टूरिज्म को बढ़ावा देकर देश में अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्वास्थ्य सेवाएं विकसित करने की कोशिश की गई। अब वक्त इन कंपनियों को विदेश में जाकर अपनी जड़ें जमाने का है। वाणिज्य व उद्योग मंत्री ने कहा कि सरकार चाहेगी कि स्वास्थ्य सेवाएं देने वाली बड़ी कंपनियां भारतीय डॉक्टरों, नर्सो व अन्य स्टाफ की पूरी टीम के साथ विदेश में अस्पताल स्थापित करें।
सूत्र बताते हैं कि सरकार ऐसी परियोजनाओं को प्रोत्साहित करने के लिए आगामी विदेश व्यापार नीति में भी प्रोत्साहन का प्रावधान कर सकती है। हालांकि, अभी यह एक सोच भर है और सरकार उद्योग जगत से इस मामले में विचार विमर्श भी कर रही है।
इसके अलावा सरकार ने फार्मा, ऑटो, बायोटेक्नोलॉजी और कंस्ट्रक्शन क्षेत्र को भी इसी श्रेणी में रखा है। इन सभी क्षेत्रों में भारतीय कंपनियां विशेषज्ञता रखती हैं। लिहाजा सरकार का जोर इस बात पर रहेगा कि ये फर्मे विदेश में कंपनियां खरीदने के बजाय पूरे तौर पर भारतीय टीम के साथ वहां अपनी कंपनियां स्थापित करें। इससे न केवल देश के लोगों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि भारतीय कंपनियां भी विदेश में अपनी पहचान स्थापित कर सकेंगी।
विदेश में प्रोजेक्ट लगाने को मिलेगा प्रोत्साहन
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