सेनेगल। वैश्विक आपदा बने इबोला वायरस का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की ताजातरीन रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिमी अफ्रीका में जानलेवा वायरस इबोला से मरने वालों की संख्या एक हजार का आंकड़ा पार कर चुकी है।

संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी के मुताबिक, इबोला से अब तक 1,013 लोग मारे जा चुके हैं। गिनी, लाइबेरिया, सियरा लियोन और नाइजीरिया के कुछ भाग इससे प्रभावित हैं। इन क्षेत्रों में 4,700 भारतीय रहते हैं। इबोला को लेकर वैश्विक स्तर पर सतर्कता बरतने का निर्देश जारी किया गया है। सभी देश अपने स्तर पर इससे निपटने के लिए प्रयास में लगे हैं। भारत में भी इस वायरस को लेकर अलर्ट जारी किया गया है।

भारतीय उच्चायोग है डॉक्टरों के संपर्क में
नई दिल्ली। नाइजीरिया स्थित भारतीय उच्चायोग उन चार डॉक्टरों के संपर्क में हैं जिन्हें इबोला से संक्रमित मरीजों का इलाज करने के लिए उनकी इच्छा के विरुद्ध मजबूर किया जा रहा है। डॉक्टरों ने दावा किया है कि उनके पासपोर्ट जबरन ले लिए गए हैं। हालांकि अबुजा स्थित प्राइमस अस्पताल ने इन आरोपों से इन्कार किया है। अस्पताल का मालिक भी भारतीय ही है।

स्पेन में पादरी की मौत

स्पेन में इबोला से एक 75 वर्षीय पादरी की मौत हो गई है। मिगुएल पजारेस इबोला से संक्रमित होने वाले पहले यूरोपीय नागरिक थे।

दवा का परीक्षण जारी

दकार। लाइबेरिया में इबोला से संक्रमित दो डॉक्टरों पर जेडमैप नाम की दवा का परीक्षण किया जाएगा। इबोला से बचाव के लिए अभी तक कोई दवा विकसित नहीं की जा सकी है। जेडमैप पहली ऐसी दवा है जिसका चिकित्सकीय परीक्षण पहली बार अफ्रीका के दो डॉक्टरों पर किया जा रहा है। जार्जिया के अटलांटा स्थित अस्पताल में भी दो अमेरिका स्वास्थ्य कर्मियों को जेडमैप दवा का उपचार दिया जा रहा है जिससे उनके स्वास्थ्य में सुधार आया है।