नई दिल्ली । भारत में नकली मुद्रा खपाने के लिए अपनाए जा रहे नये-नये तरीकों ने सुरक्षा एजेंसियों के सामने गंभीर चुनौती पेश की है। आपराधिक तत्व देश में नकली मुद्रा खपाने के लिए न सिर्फ कूरियर का इस्तेमाल कर रहे हैं बल्कि रुपये के नकली नोट एक जगह से दूसरी जगह भेजने के लिए बच्चों और महिलाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं।
राजधानी में आयोजित एक्साइज और कस्टम के चीफ कमिश्नर्स के दो दिवसीय सम्मेलन में इस मुद्दे पर गंभीर चिंता जताते हुए इससे निपटने के उपायों पर चर्चा की हुई। एक्साइज और कस्टम चीफ कमिश्नर्स का यह सालाना सम्मेलन मंगलवार को समाप्त हुआ। सूत्रों ने कहा कि राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआइ) के मुताबिक देश में नेपाल और बांग्लादेश सीमाओं से नकली मुद्रा खपाने के मामले बढ़े हैं। बिहार और पश्चिम बंगाल नकली मुद्रा देश में पहुंचने के प्रवेश द्वार बन गए हैं जो बेहद चिंताजनक स्थिति है। आपराधिक तत्व सुरक्षा व खुफिया एजेंसियों से बचने के लिए नकली नोट लाने ले जाने के लिए महिलाओं और बच्चों का इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि उन पर कोई शक न करे। इसके अलावा ये तत्व कूरियर के माध्यम से भी रुपये के नकली नोट एक जगह से दूसरी जगह भेज रहे हैं। साथ ही उपभोक्ता वस्तुओं, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं और रेडीमेट गारमेंट में भी छुपाकर नकली मुद्रा देश के भीतर भेजी जा रही है।
सूत्रों ने कहा कि दोनों राज्यों में नकली नोट जब्त होने के मामले बढ़ते जा रहे हैं। यह चिंता का विषय है। सरकार ने डीआरआइ को नकली मुद्रा को पकड़ने व देश में इसकी खपत रोकने के लिए अन्य राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ बेहतर समन्वय करने का निर्देश दिया है। नकली नोटों की खपत के साथ-साथ देश में सोने की तस्करी भी बढ़ गई है। सोने की तस्करी के मामले मुख्यतौर पर दक्षिणी राज्यों में सामने आए हैं। वर्ष 2013-14 में डीआरआइ और कस्टम विभाग ने तस्करी के मामलों में 692 करोड़ रुपये का सोना जब्त किया। सूत्रों ने कहा कि सोने की तस्करी में यह वृद्धि सोना आयात पर सरकार तथा रिजर्व बैंक के नियंत्रणकारी उपायों के बाद हुई है।
नकली नोट खपाने में औरतों-बच्चों का इस्तेमाल
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