भोपाल. राजधानी भोपाल (Bhopal) में वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी है. वैक्सीनेशन (vaccination) के मामले में पुराने शहर के मुकाबले नया शहर आगे निकल गया है. 18 प्लस औऱ 45 प्लस की वैक्सीनेशन में पुराने शहर की आबादी पीछे है. कहा जा रहा है कि शहर के पुराने इलाके में जागरुकता की कमी के कारण वैक्सीनेशन की रफ्तार कम है. इतना ही नहीं शहर से लगे आसपास के ग्रामीण (Rural) इलाकों में भी वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी है. यहां पर अभी तक 60 फ़ीसदी लोगों ने वैक्सीनेशन नहीं कराया. शहर में अभी तक 66% युवाओं को टीका नहीं लग सका है. सिर्फ 34% ही युवाओं को टीका लगा है. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण वैक्सीनेशन की कमी बताया जा रहा है.
राजधानी में 144 दिन में 18 कैटेगरी में महज 34 फीसदी को वैक्सीन लगी है. अभी भी 18 वाले 66% को टटीका नहीं लगा है. आंकड़े के अनुसार, 4.10 लाख को 18 कैटेगरी में फर्स्ट डोज लगा है. 22 हजार को 18 कैटेगरी में सेकंड डोज लगा है. 60 को 90% फर्स्ट डोज लगा है, जबकि एक लाख से अधिक लोगों को सेकेंड डोज लगा चुके हैं.
पुराने शहर में रफ्तार सबसे ज्यादा धीमी
पुराने शहर में 45 कैटेगरी में 10% ने ही वैक्सीन लगवाई है. यही हाल 18 प्लस में युवाओं का है. कुल मिलाकर नए शहर के मुकाबले पुराने शहर में टीकाकरण की रफ्तार धीमी है. दो महीने में 45 कैटेगरी के 2.49 लाख लोग फर्स्ट डोज लगवा चुके हैं. पुराने शहर में 45 कैटेगरी के महज 10 फीसदी लोगों ने ही वैक्सीन लगवाई है. शहर के मुकाबले आसपास की ग्रामीण इलाकों में इस वर्ग के 60 फीसदी लोग का टीकाकरण नहीं हो पाया है.
परिवहन विभाग ने इसका आदेश जारी कर दिया है
वहीं, कुछ देर पहले खबर सामने आई थी कि कोरोना के कारण हालात भले ही काबू में आ रहे हों लेकिन एमपी (MP) में अभी एहतियात जारी रहेगा. अंतर्राज्यीय बसों (Bus) की आवाजाही पर फिलहाल रोक रहेगी. अब इसे बढ़ाकर 15 जून कर दिया गया है. प्रदेश के पड़ोसी चार राज्यों छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से बसों के आने-जाने पर रोक लगी रहेगी. परिवहन विभाग ने इसका आदेश जारी कर दिया है.