
नई दिल्ली. भारत सरकार के वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) 7 जून 2021 को नया इनकम टैक्स (Income Tax) पोर्टल www।incometax.gov.in लॉन्च करने जा रहा है. नया पोर्टल (Portal)ज्यादा आधुनिक होगा और टैक्सपेयर्स के लिए बेहद आसान होगा. क्योंकि इसका मकसद टैक्सपेयर्स (Taxpayers) के लिए झंझट कम करना है. मौजूदा वक्त में, इनकम टैक्स रिटर्न और फॉर्म्स दाखिल करने का काम अभी www.incometaxindiaefiling.gov।in पोर्टल पर होता है. पहले ये पोर्टल इनकम टैक्स रिटर्न, ऑडिट रिपोर्ट और दूसरे कई फॉर्म्स को ऑनलाइन दाखिल करने की सहूलियत देता था. गुजरे कुछ वर्षों में कई अन्य मॉड्यूल भी इससे जुड़े हैं जो कि फेसलेस असेसमेंट, अपील और नोटिसों के जवाब देने की सुविधा देते हैं. ये इसके कंप्लायंस सेक्शन में आते हैं.
ये दिक्क्तें आ रही थी
मौजूदा पोर्टल फिलहाल अच्छी तरह से काम कर रहा है, लेकिन तय तारीख के करीब इसके कामकाज में दिक्कतें आने के वाकये देखे गए हैं, इसके अलावा, टैक्सपेयर्स के डॉक्युमेंट्स अपलोड करने में कम कैपेसिटी, ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने या असेसमेंट या दूसरे नोटिसों के जवाब देने में मुश्किलों के मामले आते हैं. साथ ही ये कई टैक्सपेयर्स के लिए काफी उलझाऊ भी है.
नए इनकम टैक्स पोर्टल में ये कुछ अहम फीचर होंगे
1- नया टैक्सपेयर फ्रेंडली पोर्टल तत्काल इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) को प्रोसेस कर सकता है, ताकि इससे टैक्सपेयर्स के रिफंड जल्द जारी हो सकें.
2- सभी इंटरेक्शंस और अपलोड या पेंडिंग एक्शन सिंगल डैशबोर्ड पर दिखाई देंगे ताकि टैक्सपेयर्स इन्हें पूरा कर सकें.
3- मुफ्त ITR प्रीपेरेशन सॉफ्टवेयर ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से उपलब्ध होगा और इसमें इंटरेक्टिव सवाल होंगे ताकि टैक्सपेयर्स टैक्स की जानकारी नहीं होने पर भी आसानी से अपने ITR दाखिल कर सकें. इसमें जानकारियां प्रीफिल्ड होंगी और इससे टैक्सपेयर्स का डेटा एंट्री का काम बेहद कम हो जाएगा.
4- टैक्सपेयर्स की मदद के लिए एक नया कॉल सेंटर होगा जिसमें इनके सवालों के तुरंत जवाब मिलेंगे, इसके साथ ही ट्यूटोरियल्स, वीडियो और चैटबोट/लाइव एजेंट जैसी चीजें भी इसमें होंगी.
5- डेस्कटॉप पर मिलने वाले सभी प्रमुख पोर्टल फंक्शंस मोबाइल ऐप पर भी उपलब्ध होंगे, जो कि बाद में मोबाइल नेटवर्क पर कभी भी पूरी तरह से एक्सेस की सहूलियत देंगे.
6- नए पोर्टल पर नया ऑनलाइन टैक्स पेमेंट सिस्टम लागू किया जाएगा और इसमें कई नए पेमेंट ऑप्शंस दिए जाएंगे. इनमें नेटबैंकिंग, UPI, क्रेडिट कार्ड और RTGS/NEFT जैसे पेमेंट विकल्प होंगे. टैक्सपेयर किसी भी बैंक से अपने टैक्स का पेमेंट कर पाएंगे.
E-गवर्नेंस की सफलता इसी बात पर आधारित है कि इन सेवाओं को आम नागरिक कितनी आसानी से और कितनी जल्दी हासिल कर सकते हैं. टैक्सपेयर्स को उनके रिटर्न फाइल करने, रिफंड मिलने, दस्तावेज अपलोड करने और नोटिसों का जवाब देने की प्रक्रिया जितनी आसान होगी लोगों को उतनी ही सहूलियत मिलेगी. हम उम्मीद कर सकते हैं कि अतिरिक्त फीचर्स के साथ नए पोर्टल में यूजर सैटिस्फैक्शन के नए ऊंचे मानदंड तय किए जाएंगे. लेकिन, इसमें पूरा मामला इस पोर्टल के जरिए टैक्सपेयर्स को सहूलियत देने या इसकी कैपेसिटी बढ़ाने का नहीं है, बल्कि इसके जरिए टैक्स चोरों पर शिकंजा भी कसे जाने की मंशा है.
गुजरे कुछ वर्षों से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट अलग-अलग घरेलू और इंटरनेशल अथॉरिटीज के साथ ऑटोमैटिक इंफॉर्मेशन आदान-प्रदान के सिस्टम को इंटीग्रेट करने की कोशिश कर रहा है. आयकर विभाग क्रेडिट कार्ड कंपनियों, टैक्सपेयर्स के इनवेस्टमेंट और दूसरे खर्चों के आंकड़े इकट्ठे करने और इसकी जानकारी का विश्लेषण कर रहा है. टैक्सपेयर्स के आंकड़ों का 360 डिग्री पर विश्लेषण हो रहा है और विभाग ने टैक्स चोरी को रोकने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को भी इसमें शामिल किया है.
इसके अलावा, कॉरपोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री ने ऑनलाइन पोर्टल का वर्जन 3.0 भी लॉन्च किया है ताकि मौजूदा सर्विसेज और मॉड्यूल्स को सुधारा जा सके और ई-एडजुडिकेशन, कंप्लायंस मैनेजमेंट सिस्टम, एडवांस हेल्पडेस्क, फीडबैक सर्विसेज, यूजर डैशबोर्ड, सेल्फ-रिपोर्टिंग टूल्स और नई मास्टर डेटा सर्विसेज जैसी नई फंक्शनैलिटीज को शामिल किया जा सके. ये नए पोर्टल इनकम टैक्स, एमसीए और जीएसटी जैसे अलग-अलग सरकारी डिपार्टमेंट्स के बैक एंड्स को सिंक्रोनाइज करेंगे और इससे सूचनाओं का आसानी से प्रवाह मुमकिन हो पाएगा. ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि नया इनकम टैक्स पोर्टल कैसे काम करेंगा और क्या ये अपने मकसद में सफल हो पाएगा और टैक्सपेयर्स, प्रोफेशनल्स और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को कुछ सहूलियतें मुहैया करा पाएगा या नहीं.