भोपाल : जनजातीय कार्य एवं गैस राहत मंत्री डॉ. कुँवर विजय शाह ने कहा कि जनजातीय शिल्प को बाजार उपलब्ध कराने के लिये संभाग एवं ट्रायबल के 20 जिलों में ट्रायबल मार्ट खोले जायेंगे। उन्होंने कहा कि जनजातीय कलाकारों को उनके उत्पाद का पूरा मूल्य नहीं मिल पाया। सभी शिल्पकारों और कलाकारों को उनके उत्पाद के माध्यम से उचित मूल्य दिलाकर उन्हें आर्थिक एवं सामाजिक रूप से सुदृढ़ और सशक्त बनाया जायेगा। मंत्री डॉ. शाह शुक्रवार को रवीन्द्र भवन के हंसध्वनि सभागार में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय जनजातीय शिल्पग्राम महोत्सव के उद्घाटन अवसर पर अतिथि कलाकारों को संबोधित कर रहे थे। तीन दिवसीय शिल्प महोत्सव में प्रदेश के जनजातीय कलाकारों द्वारा निर्मित विभिन्न शिल्प कलाओं का प्रदर्शन किया जा रहा है।

मंत्री डॉ. शाह ने कहा कि जनजातीय स्वरूप को संरक्षित करने की आवश्यकता है। जनजातीय वर्ग की पहचान उनके विशेष पहनावे, भोजन, वस्त्रों, नृत्य, संगीत और वाद्य यंत्रों के माध्यम से भी की जाती है। उनकी पारंपरिक वेषभूषा एवं तीज-त्यौहारों के महत्व को हम समझते हैं। परन्तु आधुनिकता के साथ उनकी यह पारंपरिक पहचान लुप्त सी होने लगी हैं। इसे जीवित रखने के उद्देश्य से इस शिल्प ग्राम महोत्सव के माध्यम से ट्रेनर्स के लिये ट्रेनिंग कार्यक्रम रखे गये हैं। मंत्री डॉ. शाह ने कहा कि शिल्प उत्पादों को पहचान दिलाने के लिये मध्यप्रदेश सरकार प्रयासरत है। इस अनुक्रम में नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ डिजाइन भोपाल के माध्यम से "आदिरंग" प्रोजेक्ट प्रारंभ किया जा रहा है। इससे जनजातीय शिल्पकारेां को उनके कौशल उन्नयन करेंगे। इस प्रकार प्रशिक्षित हमारे कलाकार अन्य शिल्पियों और कलाकारों को प्रशिक्षित करेंगे।

जनजातीय शिल्प महोत्सव पर रवीन्द्र भवन परिसर में प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया। इसमें जनजातीय कलाकारों द्वारा निर्मित उत्कृष्ट शिल्प कलाओं में यथा माटी शिल्प, होम आर्किटेक्चर, पेन्टिंग्स के अलावा जनजातीय व्यंजनों के भी स्टॉल लगाकार प्रदर्शन किया गया। प्रदेश के विभिन्न ट्रायबल जिलों से पधारे कलाकारों ने रंग-बिरंगे परिधानों में राज्य अपनी कला का प्रदर्शन किया।

प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य गुलशन बामरा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए 3 दिवसीय कार्यक्रम के बारे में अवगत कराया। आयुक्त शुक्ला ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव एवं अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर एसीएस जनजाति विनोद कुमार, प्रमुख सचिव गुलशन बामरा, आयुक्त जनजातीय शुक्ला, संचालक वंदना वैद्य सहित अनेक कलाकर और अधिकारी उपस्थित थे।