
भोपाल : मध्यप्रदेश राज्य नीति आयोग के नीति संवाद श्रृंखला में कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में मंगलवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में शिक्षा को रोजगार से जोड़ने और शिक्षा के गुणात्मक सुधार पर शिक्षा क्षेत्र से जुड़े विषय-विशेषज्ञों के बीच विचार विमर्श हुआ। विशेषज्ञों ने बताया कि शिक्षा को भारतीय मूल्यों और संस्कृति पर आधारित बनाते हुए रोजगार से जोड़ना अत्यंत जरूरी है। इन उद्देश्यों की प्राप्ति करके हम विकसित मध्यप्रदेश 2047 के उद्देश्यों को प्राप्त कर सकेंगे।
सत्र के प्रारंभ में अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा अनुपम राजन ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में रहा है। प्रदेश में शिक्षा को रोजगार से जोड़ने की दिशा में प्रभावी प्रयास निरंतर किये जा रहे है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में पाठ्यक्रम को इस तरह से तैयार किया गया है कि विद्यार्थी उच्च शिक्षा में जितने साल भी पढ़ाई कर लें उसे मूल्यांकन के बाद उस अवधि का सर्टिफिकेट देने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में हाल ही में जिन स्थानों पर हवाई पट्टी है, वहां पर युवाओं के लिये एविऐशन के कोर्स प्रारंभ किये गये है।इसी तरह आज के दौर के कई व्यवसायिक कोर्स की शुरूआत की गई है। परिचर्चा का संचालन सलाहकार सामाजिक अवसंरचना आयोग उत्तराखण्ड की डॉ. भावना शिंदे ने किया।
भारतीय मूल्य आधारित शिक्षा पर स्कूल शिक्षा में विशेष ध्यान
सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. संजय गोयल ने कहा कि प्रदेश की स्कूल शिक्षा व्यवस्था में भारतीय मूल आधारित शिक्षा में विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्रदेश में स्कूल शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में टास्क फोर्स का गठन किया गया है। अब तक हुई 3 बैठकों में स्कूल शिक्षा से जुड़े विशेषज्ञों की राय लेकर शिक्षा के गुणात्मक सुधार की ओर प्रयास किये जा रहे है। प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर प्रदेश भर में 20 और 21 जुलाई-2024 को गुरू पूर्णिमा का आयोजित किया गया। भगवान कृष्ण के जीवनदर्शन की जानकारी देने के लिये 26 अगस्त 2024 को सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये गये। लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती आयोजन समिति की अनुशंसा पर भाषा भारतीय कक्षा 7 पाठ 18 सुरभि संस्कृत कक्षा 8 में लोकमाता के जीवन पर केन्द्रित पाठ्यक्रम को शामिल किया गया। 26 नवम्बर से 29 नवम्बर 2024 में भागवत गीता पर आधारित मूल्य शिक्षा क्विज प्रतियोगिता और 11 दिसम्बर 2024 को गीता जयंती के अवसर पर विद्यालयों में गीता कर्म पर व्याख्यान आयोजित किये गये।
स्कूल सचिव डॉ. गोयल ने बताया कि विद्यार्थियों को भारतीय ज्ञान परंपरा से जोड़ने के लिये प्रदेश में संचालित सीएम राईज स्कूल सांदीपनि विद्यालय के रूप में जाने जाएंगे। भारतीय मूल्यों और संस्कृति के स्मारकों पर बच्चों के शैक्षणिक भ्रमण भी निरंतर कराये जा रहे है। इस सत्र में निदेशक एस.आर.एफ फाउंडेशन डॉ. सुरेश रेड्डी, शिक्षा सलाहकार सेज ग्रुप बी.एन. त्रिशल, वरिष्ठ विशेषज्ञ विद्यालय शिक्षा कुलदीप सिंह ने अपने विचार रखें। विशेषज्ञों की राय थी कि मध्यप्रदेश विविधता से भरी संस्कृति वाला राज्य है। बच्चों को पढ़ाई के साथ इनसे भी जोड़े रखना जरूरी है। डिजिटल युग में विरासत से जोड़ने में बच्चों को इतिहास की जानकारी देना आवश्यक है।