
नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के खाताधारकों और कर्मचारियों के लिए अहम खबर है। EPFO ने साल 2025 में कई बड़े और अहम बदलाव किए हैं। इनमें प्रोफाइल अपडेट करना, नौकरी बदलने पर PF अकाउंट ट्रांसफर करना या ज्यादा पेंशन से जुड़ी नीतियों से जुड़े नियम शामिल हैं।
उनका मकसद कर्मचारियों को कम से कम समय में ज्यादा से ज्यादा सुविधा देना, प्रक्रियाओं को डिजिटल बनाना है ताकि पारदर्शिता बनी रहे। इससे करोड़ों खाताधारकों को फायदा होगा। आइए विस्तार से जानते हैं इस साल हुए बड़े बदलाव….
प्रोफाइल अपडेट करना हुआ आसान
EPF सदस्य अब बिना कोई दस्तावेज अपलोड किए अपने आधार से जुड़े UAN को अपडेट कर सकते हैं। अगर UAN आधार से लिंक है तो EPF सदस्य बिना कोई दस्तावेज अपलोड किए अपना नाम, जन्मतिथि, लिंग, राष्ट्रीयता, पिता या माता का नाम, वैवाहिक स्थिति और अन्य निजी जानकारी अपडेट कर सकते हैं।
इसके लिए किसी दूसरे दस्तावेज की जरूरत नहीं होगी। इससे 6 करोड़ से ज्यादा सदस्यों को फायदा होगा। हालांकि, अगर सब्सक्राइबर का यूएएन 1 अक्टूबर 2017 से पहले का है, तो उसे कुछ बदलावों के लिए नियोक्ता की मंजूरी की जरूरत पड़ सकती है।
नौकरी बदलते समय पीएफ अकाउंट ट्रांसफर
ईपीएफओ ने नौकरी बदलते समय पीएफ अकाउंट ट्रांसफर करने की प्रक्रिया को आसान बना दिया है। इससे 1 करोड़ 25 लाख से ज्यादा मेंबर्स को फायदा होगा। अभी तक पीएफ डिपॉजिट के ट्रांसफर में दो कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) ऑफिस शामिल होते थे- सोर्स ऑफिस, जहां से पीएफ की रकम ट्रांसफर की जाती थी और डेस्टिनेशन ऑफिस, जहां आखिरी में रकम जमा की जाती थी, लेकिन अब ईपीएफओ ने फॉर्म 13 में बदलाव किए हैं। इससे डेस्टिनेशन ऑफिस में ट्रांसफर क्लेम के अप्रूवल की जरूरत खत्म हो गई है। ट्रांसफर ऑफिस से ट्रांसफर क्लेम अप्रूव होने के बाद पिछले अकाउंट की रकम अपने आप डेस्टिनेशन ऑफिस में मेंबर के अकाउंट में ट्रांसफर हो जाएगी।
अब क्लेम सेटलमेंट होगा आसान
ईपीएफओ ने ऑनलाइन पैसे निकालने के कुछ नियमों में बदलाव किया है। इसके तहत अब कैंसल चेक और बैंक अकाउंट के लिए नियोक्ता (जिस कंपनी में आप काम करते हैं) से वेरिफिकेशन कराने की जरूरत नहीं होगी। दरअसल, पीएफ खातों से ऑनलाइन धनराशि निकालने के लिए आवेदन करते समय ईपीएफओ सदस्यों को यूएएन या पीएफ नंबर से जुड़े बैंक खाते के चेक लीफ या पासबुक की सत्यापित फोटो कॉपी अपलोड करनी होती है।
नियोक्ता को भी आवेदक के बैंक खाते के विवरण को स्वीकृत करना होता है, लेकिन अब ईपीएफओ सदस्यों को अपने बैंक खाते को सत्यापित करने की आवश्यकता नहीं होगी। ऑनलाइन दावा दायर करते समय चेक या सत्यापित बैंक पासबुक की तस्वीर अपलोड करने की आवश्यकता पूरी तरह से समाप्त कर दी गई है।
उमंग: यूएएन नंबर जेनरेट और एक्टिवेट करना आसान
ईपीएफओ ने यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) जेनरेट और एक्टिवेट करने के लिए फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक की सुविधा शुरू की है। अब कर्मचारी उमंग ऐप का उपयोग करके आधार फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक से अपने आप अपना यूएएन बना सकते हैं।
जिन सदस्यों के पास पहले से यूएएन है, लेकिन उन्होंने अभी तक इसे एक्टिवेट नहीं किया है, वे अब उमंग ऐप के जरिए आसानी से अपना यूएएन एक्टिवेट कर सकते हैं। आप प्लेस्टोर से उमंग ऐप डाउनलोड कर सकते हैं।
संयुक्त घोषणा की प्रक्रिया सरल हुई
ईपीएफओ ने 16 जनवरी 2025 को संयुक्त घोषणा (जेडी) की प्रक्रिया के संबंध में नए दिशा-निर्देश जारी किए। इस संबंध में पहले एसओपी संस्करण 3.0 लागू था, जिसे अब हटा दिया गया है और सदस्यों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है।
जैसे- जिनका यूएएन आधार आधारित है- वे ऑनलाइन जेडी कर सकते हैं। जिनका यूएएन पुराना है, लेकिन आधार से सत्यापित है- वे भी ऑनलाइन जेडी कर सकते हैं। जिनके पास यूएएन नहीं है, आधार सत्यापित नहीं है या सदस्य की मृत्यु हो गई है- उनके लिए फिजिकल जेडी का प्रावधान है।
सीपीपीएस पेंशन भुगतान की नई व्यवस्था
ईपीएफओ ने 1 जनवरी 2025 से सेंट्रलाइज्ड पेंशन पेमेंट सिस्टम (सीपीपीएस) नाम से नई व्यवस्था शुरू की है। इसके तहत पेंशन योजना के तहत आने वाले पेंशनभोगी एनपीसीआई प्लेटफॉर्म के जरिए किसी भी बैंक या उसकी शाखा से अपनी पेंशन निकाल सकेंगे।
नई व्यवस्था से ईपीएफओ के 78 लाख से अधिक ईपीएस पेंशनभोगियों को लाभ मिलने की उम्मीद है। इससे क्षेत्रीय कार्यालयों के बीच पीपीओ ट्रांसफर की जरूरत खत्म हो जाएगी। यदि कोई दावा गलती से किसी अन्य कार्यालय को भेज दिया गया है, तो उसे उसी कार्यालय को वापस भेज दिया जाएगा जहां से दावा आया था।