विशाखापट्टनम/नई दिल्‍ली: चक्रवाती तूफान 'हुदहुद' से प्रभावित आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने और स्थिति का जायजा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को विशाखापत्तनम पहुंचे। गौर हो कि इस चक्रवाती तूफान में 24 लोगों की जान गई हैं और यह तटीय आंध्र प्रदेश में अपने पीछे भारी तबाही के निशान छोड़ गया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने हुदहुद चक्रवात से हुई तबाही के मद्देनजर आंध्र प्रदेश के लिए राहत पैकेज का ऐलान किया। उन्होंने आंध्र प्रदेश सरकार को इस तबाही के बाद हुए नुकसान से निपटने के लिए 1 हजार करोड़ रुपये के राहत पैकेज देने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि यह मदद तात्कालिक तौर पर है और जरूरत पड़ने पर और मदद का भरोसा दिया जाएगा। केंद्र सरकार पूरी तरह आंध्र प्रदेश की जनता के साथ है और हरसंभव जरूरी मदद मुहैया करवाएंगे। केंद्र और राज्य सरकार ने आपस में समन्वय कर बीते तीन-चार दिनों से इस प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए कार्य किए। उन्होंने विशाखापट्टनम एयरपोर्ट सहित यहां प्रभावित जगहों पर जाकर हालात का जायजा लिया।

उधर, चक्रवात हुदहुद के कारण विशाखापट्टनम में मची तबाही के बाद लोगों को दूध, पेयजल, सब्जियों और पेट्रोल जैसी जरूरी वस्तुओं की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। यहां बिजली आपूर्ति भी अब तक बहाल नहीं हो सकी है। कुछ निवासियों ने शिकायत की है कि उन्हें पीने का पानी और दूध नहीं मिल रहा है। पेट्रोल भरवाने के लिए पेट्रोल स्टेशनों पर लोग लंबी-लंबी कतारों में इंतजार करते देखे गए।

एक निवासी ने हाथ जोड़कर गुहार लगाते हुए कहा कि कृपया विशाखापट्टनम के लोगों के लिए पीने का पानी और अन्य जरूरी वस्तुएं दे दीजिए। मैंने अब तक अपने जीवन में ऐसी बुरी स्थिति नहीं देखी है। एक गुस्साए निवासी ने कहा कि पीने के पानी और दूध दोनों की ही कीमतें 20-20 रुपये है लेकिन उन्हें 50 रुपये में बेचा जा रहा है और कालाबाजारी करने वाले इस मुश्किल स्थिति का भी फायदा उठा रहे हैं। विशाखापट्टनम की तस्वीर यहां आए चक्रवात के कारण मची तबाही की दास्तां कहती है। सड़कों पर जड़ों के साथ उखड़े पेड़ और उनकी शाखाएं, बिजली के खंभे और तारें आदि पड़ी हैं। बाकी के काफी मलबे को साफ किया जा चुका है। इस चक्रवात के कारण जिले में 15 मौतें हो गईं और जिले में स्थितियों के वापस सामान्य होने के लिए संघर्ष जारी है।

विशाखापट्टनम हवाईअड्डा क्षतिग्रस्त हो गया है। यहां यात्री टर्मिनल उजड़ गए हैं और छत उड़ गई है। अधिकारियों ने कहा कि मत्स्य पत्तन पर भी चक्रवात का कहर बरपा है। कई नौकाएं क्षतिग्रस्त हो गई हैं और डूब रही हैं। जरूरी वस्तुओं की कमी से जुड़ी शिकायतों के बारे में आंध्रप्रदेश के मुख्‍यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू से पूछा गया तो उन्हें इसे ‘कृत्रिम अभाव’ बताया। उन्होंने विशाखापत्तनम में संवाददाताओं को बताया कि शाम तक मैं स्थिति सामान्य कर देना चाहता हूं। कल सुबह तक हर किसी के पास दूध, पानी समेत मूल जरूरत की सभी वस्तुएं होनी चाहिए। चक्रवाती तूफान के कारण हुई तबाही पर उन्होंने कहा कि लोग मुश्किल में हैं, वे विपत्ति में हैं। हमारा कर्तव्य अपनी ओर से सर्वश्रेष्ठ प्रयास करना है। मुख्यमंत्री ने लोगों से भी अपील करते हुए कहा कि वे जिस भी तरीके से चाहें, राहत एवं पुर्नवास कार्यों में मदद करें। उन्होंने कहा कि यह एक सामाजिक जिम्मेदारी है।