
भोपाल: मध्य प्रदेश में इतनी सख्ती के बाद भी पराली जलाने के मामले कम नहीं हो रहे हैं. इसलिए राज्य सरकार अब और सख्त हो गई है. पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के बाद अब ऐसे किसानों को एमएसपी से भी हाथ धोना पड़ेगा. ऐसे किसानों की फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर नहीं खरीदा जाएगी. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसको लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि पराली जलाने से खेत की मिट्टी की उर्वरकता खत्म होती है, साथ ही पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है.
पराली जलाई तो खुद का बड़ा नुकसान करेंगे किसान
मध्यप्रदेश में पिछले सालों के मुकाबले इस बार नरवाई जलाने के मामलों में बढोत्तरी हुई है. मुख्यमंत्री ने इस पर चिंता जताई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में नरवाई जलाने पर पहले से ही प्रतिबंध है. अब राज्य सरकार ने इस पर और सख्त कदम उठाए हैं. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि नरवाई जलाने पर किसानों को सीएम किसान कल्याण योजना का लाभ नहीं मिलेगा. मतलब नरवाई जलाने वाले किसान बैंकों से जीरो फीसदी पर लोन नहीं ले सकेंगे और न ही सोसायटी से खाद-बीज उठा सकेंगे. इसके अलावा समर्थन मूल्य पर फसल भी सोसायटी पर नहीं बेच सकेंगे.पर्यावरण, मृदा संरक्षण और भूमि की उत्पादकता बनाए रखने के लिए राज्य सरकार का यह निर्णय एक मई से लागू होगा.
सेटेलाइट से की जा रही मॉनिटरिंग
प्रदेश में नरवाई जलाने के मामलों की निगरानी सेटेलाइट के माध्यम से की जा रही है. देश में सबसे ज्यादा पराली मध्यप्रदेश में जलाई जा रही है. इस मामले में मध्यप्रदेश के किसानों से उत्तरप्रदेश और पंजाब को भी पीछे छोड़ दिया है.
1 अप्रैल से 23 अप्रैल तक मध्यप्रदेश में पराली जलाने के 22 हजार 818 मामले दर्ज किए जा चुके हैं, यह पिछले 4 सालों में सबसे ज्यादा है.
मध्यप्रदेश में साल 2024 में 7 हजार 721 पराली जलाने के ही मामले आए थे, जबकि साल 2023 में 13591, साल 2022 में 18874 पराली जलाने के मामले दर्ज किए गए.
मध्यप्रदेश में विदिशा जिले में सबसे ज्यादा 3 हजार 581 मामले दर्ज किए गए. यह केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का संसदीय क्षेत्र भी है.
विदिशा के अलावा उज्जैन, सागर, रायसेन, इंदौर, होशंगाबाद, अशोकनगर में भी बड़ी संख्या में पराली जलाने के मामले सामने आ रहे हैं.
किसानों पर दर्ज कराई जा रही एफआईआर
उधर, राज्य सरकार के निर्देश के बाद नरवाई जलाने वाले किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उनसे जुर्माना वसूला जा रहा है. सतना जिले में ही 50 से ज्यादा किसानों पर मामला दर्ज कराया जा चुका है. इसी तरह भोपाल में भी करीब 45 किसानों पर मामले दर्ज किए गए हैं. ऐसे किसानों से पराली जलाने से पर्यावरण को होने वाले नुकसान के मामले में जुर्माना लगाया जा रहा है. गौरतलब है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल देशभर में पराली जलाने पर रोक लगा चुकी है.