
हैदराबाद : चक्रवाती तूफान हुदहुद के विशाखापट्टनम तट पर टकराने से पहले ही तेज हवाओं ने तबाही मचानी शुरू कर दी है। 140 किलोमीटर/प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हवाओं के साथ-साथ भीषण बारिश ने भी तटीय इलाकों में खासा नुकसान पहुंचाया है। विशाखापत्तनम के कई इलाकों में बिजली गुल हो गई है और तेज हवाओं के साथ भारी बारिश जारी है।
हुदहुद चक्रवाती तूफान आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम से अब सिर्फ 90 किलोमीटर की दूरी पर है। मौसम विभाग के अनुसार दोपहर करीब 12 बजे यह विशाखापत्तनम तट से टकराएगा। सैटलाइट से ली गई तस्वीरों के अनुसार हुदहुद के कारण लगभग 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की आशंका है। साथ ही, इस वजह से 30 मीटर ऊंची लहरें भी उठ सकती हैं।
विशाखापत्तनम पहुंचने के बाद यह आंध्र प्रदेश और ओडिशा के अन्य तटीय इलाकों से टकराएगा। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने आंध्र प्रदेश और ओडिशा के अलावा पश्चिम बंगाल और झारखंड में भी हुदहुद के कारण भारी बारिश की संभावना जताई है। 'हुदहुद' के खतरे को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह को निर्देश दिया है कि वह प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के लगातार संपर्क में रहें।
मौसम विभाग ने बताया कि साइक्लोन के प्रभाव के चलते अगले 48 घंटों में उत्तरी आंध्र प्रदेश के पश्चिमी और पूर्वी गोदावरी, विशाखापत्तनम, विजयानगरम, श्रीकाकुलम जिलों में और ओडिशा के गंजाम, गजपति, कोरापुट, रायगढ़ा, नबरंगपुर, मल्कानगिरि, कालाहांडी और फुलबानी जिलों में अधिकतर जगहों पर भारी बारिश होगी, जबकि कुछ स्थानों पर अत्यंत भारी बारिश होगी।
अगले 12 घंटों में उत्तरी आंध्र प्रदेश के तट और अपटतीय क्षेत्र में 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहीं तूफानी हवाएं तथा कुछ स्थानों पर 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहीं हवाएं बरकरार रहेंगी। तूफान के टकराने के समय उत्तरी आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी, विशाखापत्तनम, विजयानगरम और श्रीकाकुलम जिलों में हवाओं की गति धीरे-धीरे बढ़कर 140 से 150 किलोमीटर प्रति घंटे और फिर 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक पहुंच जाएगी।
हुदहुद के मद्देनजर राहत व बचाव कार्य के लिए पूर्वी नौसेना कमान के चार जहाज और छह विमानों को तैयार रखा गया है। इन जहाजों में अतिरिक्त गोताखोर, चिकित्सक, फैलने वाली रबर की नौकाएं, हेलीकॉप्टर और राहत सामग्री जैसे भोजन, टेंट, कपड़े, दवाएं और जैकेट मौजूद हैं। निगरानी, बचाव, हताहतों को बाहर निकालने और राहत सामग्री गिराने के लिए नौसेना ने एयर स्टेशन आईएनएस डेगा पर छह विमान तैयार रखे हैं। इसके अलावा, गोताखोरों के 30 दल और अतिरिक्त राहत सामग्री के साथ चार सैन्य दल प्रभावित इलाकों में तत्काल सहायता के लिए तैयार हैं।
राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल की 5 बटालियनों को हाई अलर्ट किया गया है। ये बटालियनें तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और बिहार में तैनात हैं। इन एनडीआरएफ बटालियनों में 51 टीमें शामिल हैं। आंध्र प्रदेश में छह राहत और बचाव टीमें तैनात कर दी गई हैं। इनमें से दो श्रीकाकुलम, एक विजयानगरम, दो विशाखापत्तनम और एक टीम ईस्ट गोदावरी जिले में तैनात की गई है। ओडिशा में नौ टीमें तैनात करने पर विचार किया जा रहा है। एक टीम गजपति, तीन गंजम, दो खुरदा और एक-एक टीमें कटक, पुरी और बालेश्वर में तैनात की जाएगी।
विशाखापत्तनम और भुवनेश्वर में एक-एक डीआईजी स्तर का अधिकारी तैनात किया गया है, जो एनडीआरएफ कार्यों का निरीक्षण करेगा। कुल मिलाकर 162 नावें भेजी जा रही हैं। 54 गोताखोर तथा बाढ़ में बचाव करने वाले उपकरणों सहित लोगों को भी भेजा जा रहा है, ताकि वे समुद्री तूफान के कारण पैदा होने वाली किसी भी चुनौती का सामना कर सकें।