शहडोल । मरीजों को उपचार में किसी प्रकार की समस्या न हो इसके लिए शासन के निर्देशन पर इन दिनों शहडोल के बिरसा मुंडा मेडिकल कॉलेज में आभा आईडी बनाने का अभियान चलाया जा रहा है। आभा आईडी बनाने से जहां एक ओर मरीजों की समस्याएं समाप्त हो जायेगी वहीं दूसरी ओर चिकित्सकों को उपचार करने में सहूलियत होगी। बहरहाल मरीजों के उपचार में आभा आईडी की अनिवार्यता नहीं है, फिर भी यह आईडी मरीजों एवं उनके परिजनों के लिए किसी कवच से कम नहीं है। बता दें कि आभा आईडी आयुष्मान आईडी की तरह है। जिसका लाभ अब मरीजों को मिलने लगा है। आभा आईडी बनाने के लिए मोबाइल नंबर का आधार से लिंक होना जरूरी है।बिरसा मुण्डा शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं चिकित्सालय शहडोल के नवागत डीन डॉक्टर गिरिश बी रामटेके ने जानकारी देते हुए बताया कि 03 मई 2024 से उपचार के लिए आने वाले मरीजों को बेहतर सुविधा हेतु उनकी आभा आईडी बनाई जा रही है, ताकि उनके इलाज का डेटा सुरक्षित रखा जा सके। इससे मरीज और डॉक्टर दोनों को लाभ होगा। पिछले 02 दिनों में 500 से अधिक मरीजों की आभा आईडी बनाई जा चुकी है। यह अभियान निरंतर जारी रहेगा।
आभा आईडी बनी मरीजों की सुरक्षा कवच, एक क्लिक में मिलेगी मेडिकल हिस्ट्री
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