राजधानी भोपाल स्थित राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. सुनील कुमार को वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में हाईकोर्ट से जमानत का लाभ मिल गया है। हाईकोर्ट जस्टिस विशाल धगट ने पूर्व कुलपति को देश छोड़कर नहीं जाने की शर्त पर जमानत का लाभ प्रदान किया है।
गौरतलब है कि राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुनील कुमार गुप्ता सहित चार के खिलाफ वित्तीय अनियमितता तथा धोखाधड़ी के प्रकरण भोपाल पुलिस द्वारा पांच अप्रैल को दर्ज किया गया था। प्रकरण दर्ज होने के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और अग्रिम जमानत के लिए भोपाल जिला न्यायालय की शरण ली थी। जिला न्यायालय ने अग्रिम जमानत के आवेदन को अस्वीकार कर दिया था। भोपाल पुलिस ने उन्हें छत्तीसगढ़ से गिरफ्तार कर 11 अप्रैल को न्यायालय के समक्ष पेश किया था। तभी से वह न्यायिक अभिरक्षा में थे।
याचिकाकर्ता डॉ. गुप्ता पर आरोप था कि उन्होंने 19.48 करोड़ रुपये निजी खातों में स्थानांतरित किये और धोखाधड़ी कर 25 करोड़ रुपये की चार एफडी बनाई है। उन्होंने जमानत के लिए हाईकोर्ट की शरण ली थी। उनकी तरफ से तर्क दिया गया कि विश्वविद्यालय कार्य परिषद ने वित्त विभाग की अनुशंसा अनुसार सर्व संपत्ति से निर्णय लिया था। पूरे मामले में कोई नकद लेन-देन नहीं हुआ है। बैंक के माध्यम से राशि का स्थानांतरण हुआ है। एकलपीठ ने पूर्व कुलपति को सशर्त जमानत का लाभ प्रदान किया है। निर्धारित शर्त के अनुसार, वह जांच में सहयोग प्रदान करेंगे। जांच अधिकारी के बुलाने पर उपस्थित होंगे। वह देश छोड़कर बाहर नहीं जायेंगे तथा गवाहों को किसी तरफ से प्रभावित नहीं करेंगे। याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष दत्त तथा अधिवक्ता सिद्धार्थ के शर्मा ने पैरवी की।