कोरोना महामारी के इस दौर में सिर्फ स्वास्थ्य बीमा लेना ही काफी नहीं है। बीमा विशेषज्ञों का कहनाह कि पॉलिसी कवर लेने के साथ दावा करने की प्रक्रिया भी जानना बहुत जरूरी है। अगर बीमाधारक पहले से दावा की प्रक्रिया जानेंगे तो उन्हें कोई परेशानी का सामना नहीं करना होगा। उल्लेखनीय है कि कोविड क्लेम को जनरल स्वास्थ्य बीमा के तहत निपटारा किया जा रहा है। कोरोना संकट की दूसरी लहर के बाद अधिकांश बीमा कंपनियों ने क्लेम देने की समयसीमा में कटौती की है। अब इरडा ने एक घंटे में बीमा दावा का निपटारा करने का निर्देश दिया है।
1. बीमा कंपनी को सबसे पहले सूचित करें
अगर आप कोविड से संक्रमित हो जाते हैं तो इसकी सूचना बीमा कंपनी को सबसे पहले दें। आप कहां इलाज करा रहे हैं इसकी जानकारी बीमा कंपनी को मिलने से आपको क्लेम मिलने में देरी नहीं होगी। ऐसा इसलिए कि बीमा कंपनी आपके इंश्योरेंस कवर के मुताबिक कवर की राशि और शर्तों का आकलन आसानी से कर लेगा। इसके बाद वह आसानी से क्लेम का भुगतान करने में सक्षम होगा।
2. सभी तरह के इलाज खर्च को जमा करें
कोविड कवर में अस्पताल में भर्ती खर्च के साथ एम्बुलेंस लागत और कोविद-19 से संबंधित उपचार लागत का कवरेज मिलता है। विशेषज्ञों का कहना है कि अस्पताल में भर्ती से पहले और बाद के खर्च को जल्द से जल्द जमा करने पर दावा लेना आसान हो जाता है।
3. डिस्चार्ज का पूर्ण विवरण पास में रखें
दावा का निपटारा करते समय बीमाधारक को अपने डिस्चार्ज का पूर्ण विवरण अपने पास रखना चाहिए। बीमा विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आप नेटवर्क अस्पताल में हैं तो कैशलेस इलाज होगा। वहीं, दूसरे में आपको रिम्बर्समेंट मिलेगा। टीपीए 15 दिन के अंदर दावा प्रक्रिया पूरी करता है। इसलिए बीमाधारक को अस्पताल में भर्ती होने के दौरान (कोविद संबंधित मामलों में) आरटी-पीसीआर रिपोर्ट, पैन कार्ड, आधार कार्ड और चिकित्सा स्वास्थ्य कार्ड ले जाना चाहिए। यह दावों की फास्ट-ट्रैकिंग प्रक्रिया में मदद करता है।
4. कोई भी जानकारी छिपाएं नहीं
दावा अस्वीकृति के सबसे आम कारणों में से एक यह है कि बीमाधारक जानकारी छिपाते हैं। अगर बीमा कंपनी को पता चलता है कि आपने किसी जानकारी को छुपाया है तो दावे को अस्वीकार कर देता है या देरी करता है। इसलिए कभी भी बीमा कंपनी से अपने बीमारी और इलाज से दूसरी जानकारी छुपाने की कोशिश न करें।