कोरोना महामारी के दौर मे निवेशकों के बीच यह चिंता बनी हुई है की क्या शेयर बाज़ार में निवेश करने का यह सही समय है। लेकिन इसी कशमकस में एक साल निकल गया और जिन निवेशकों ने हिम्मत जुटाई उनका निवेश सही साबित हुआ और जो निवेश नहीं कर पाए उन्हें इस बात का अफसोस जरूर होगा। पिछले एक साल मे शेयर बाज़ार ने निवेशकों को मालामाल कर दिया। हालांकि ऐसा नहीं है की आने वाले अगले एक साल में आपको शेयर बाज़ार से पिछले एक साल का प्रदर्शन दोहराने के उम्मीद करनी चाहिए। इसमें लंबे वक्त में आकर्षक रिटर्न पाने की उम्मीद जरूर की जा सकती है।

देश और दुनिया मे कोरोना की वैक्सीन का उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है और अब भारत सरकार ने यह भी घोषणा कर दी है कि 1 मई से 18 साल से अधिक आयु के सभी लोग कोरोना की वैक्सीन ले पाएंगे। इससे नागरिकों का मनोबल और बढ़ गया है। सच पूछिए तो शेयर बाजार में निवेश के लिए हर समय सही समय है यदि शेयरों का चुनाव सही हो और निवेश का नजरिया लम्बा हो। पर्सनल फाइनेंस एक्सपर्ट और ऑप्टिमा मनी मैनेजर्स के संस्थापक व सीईओ पंकज मठपाल कहते हैं कि हमने देखा है की इक्विटी एक ऐसा एसेट क्लास है जो लम्बे समय में अच्छे रिटर्न दिलाने की क्षमता रखता है और पैसा जुटाने में मददगार साबित होता है।

मल्टी कैप फंड का महत्व

कंपनियों के आकार के आधार पर, उनके इक्विटी शेयरों को लार्ज कैप, मिड कैप या स्माल कैप में बांटा गया है। सामान्य तौर पर देखा गया है कि लार्ज कैप शेयर अक्सर कम जोखिम के साथ एक औसतगति से बढ़ते हैं, जबकि स्माल कैप अधिक जोखिम के साथ लंबे वक्त मे बेहतर रिटर्न दिलाने की क्षमता रखते हैं।

एक सफल निवेश पोर्टफोलियो के लिए स्थिरता और ग्रोथ का मिश्रण बहुत महत्वपूर्ण है। यह कहना आसान है कि निवेशकों को उसी प्रकार के मार्केट कैप वाले शेयरों मे निवेश करना चाहिए जिनसे उस वक्त पर बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद हो लेकिन व्यावहारिक रूप से यह संभव नहीं हो पता। ऐसे में एक डाइवर्सिफाइड मल्टी कैप फंड अच्छा विकल्प हो सकता है।

इससे एक साथ कई कैटेगिरी में निवेश का मिलता है फायदा

सेबी के निर्देशों के अनुसार मल्टी कैप फ़ंड का निवेश तीनों श्रेणी लार्ज, मिड और स्मॉल कैप में समान रूप से 25-25% होना जरूरी है। जबकि शेष 25% राशि को फ़ंड मैनेजर अपनी बुद्धिमता और परिस्थिति के अनुसार किसी भी श्रेणी के शेयरों मे निवेश कर सकते हैं। पूरी तरह से डाइवर्सिफ़्फाइड पोर्टफोलियो होने के कारण मल्टी कैप फंड विभिन्न परिस्थितियों मे एक औसत जोखिम के साथ अच्छा रिटर्न दिलाने की क्षमता रखते हैं।

मल्टी कैप फंड है सही ऑप्शन

शेयर बाज़ार मे छोटे वक्त में उतार चढ़ाव की संभावना बनी रहती है लेकिन लंबे वक्त मे यह जोखिम कम हो जाता है। निवेशकों को अपने लंबी अवधि के फाइनेंशियल गोल्स को ध्यान मे रखकर इक्विटि मल्टी कैप फ़ंड में निवेश करना चाहिए। लंबी अवधि मे एक अनुशासित तरीके से SIP या STP के जरिए निवेश शेयर बाज़ार मे होने वाले उतार- चड़ाव के जोखिम को और भी कम कर देता है।
नए निवेशक विशेष रूप से जो एक छोटी राशि के साथ एक इक्विटी फंड में एक मुश्त या SIP शुरू करना चाहते हैं, उनके लिए भी मल्टी कैप फंड एक अच्छी पसंद हो सकती है क्योंकि उन्हें एक ही स्कीम मे लार्ज, मिड और स्माल कैप तीनों तरह के म्यूचुअल फंड का लाभ मिल सकता है।

5 साल या उससे ज्यादा समय के लिए निवेश करना रहेगा सही

नवंबर 2020 मे सेबी द्वारा फ्लेक्सि कैप फंड की नई कैटेगरी शुरू किए जाने के बाद अधिकतर म्यूचुअल फंड कंपनियों ने अपने मल्टी कैप फंड को फ्लेक्सि कप मे तब्दील कर दिया और इस श्रेणी में कुछ मुट्ठी भर फंड ही बचे हैं। फ्लेक्सि कैप और मल्टी कैप फंड दोनों के अपने अलग-अलग फायदे हैं इसलिए अधिकांश म्यूचुअल फंड कंपनियों के पास मल्टी कैप फंड लांच करने की गुंजाइश है। हाल ही में आदित्य बिड़ला सन लाइफ म्यूचुअल फंड ने भी मल्टी कैप फंड का एनएफओ लॉन्च किया है। यह एनएफओ 3 मई 2021 तक खुला रहेगा। स्कीम इंफॉर्मेशन डॉक्यूमेंट (एसाइडी) के अनुसार स्कीम में न्यूनतम 500 रुपए से निवेश की शुरुआत की जा सकती हैं।

फंड मैनेजर की कोशिश रहेगी कि आर्थिक तौर पर मजबूत कंपनियों के शेयरों को इस स्कीम के पोर्टफोलियो में शामिल किया जाए ताकि कम जोखिम के साथ लंबी अवधी मे निवेशकों को अच्छा फायदा दिलाया जा सके। आमतौर पर ऐसा देखा गया है कि एक आर्थिक तौर पर मजबूत कंपनी बुरे हालातों मे अच्छा प्रदर्शन करने की क्षमता रखती है जबकि एक कमजोर कंपनी अच्छे समय मे भी व्यवसाय मे बढ़त बनाने में असफल रह जाती है। इसलिए निवेश की इस रणनीति में पूरे सैक्टर को एक नजर से देखने के बजाए एक कंपनी की आर्थिक स्थिति और बिजनेस मोडल पर अधिक ध्यान दिया जाता है। अच्छा जोखिम सहने की क्षमता रखने वाले निवेशकों को पांच साल या उससे अधिक के नजरिए से इस योजना में निवेश करना चाहिए।