भोपाल। सात फरवरी से प्रारंभ होने वाले विधानसभा के बजट सत्र में सरकार न विभागीय रिपोर्ट रखेगी और न ही आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत किया जाएगा। जुलाई-अगस्त में होने वाले मानसून सत्र में पूर्ण बजट के साथ ही विभागों का प्रतिवेदन के साथ आर्थिक सर्वेक्षण भी प्रस्तुत किया जाएगा।
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा लोकायुक्त संगठन के प्रतिवेदन, विभिन्न जांच आयोगों की रिपोर्ट भी इस सत्र में प्रस्तुत नहीं की जाएगी। राज्यपाल मंगुभाई पटेल के अभिभाषण से सत्र प्रारंभ होगा। 12 फरवरी को लेखानुदान प्रस्तुत किया जाएगा। बजट की तरह इस पर सदन में चर्चा नहीं होनी है, इसलिए विभागीय प्रतिवेदन भी अभी प्रस्तुत नहीं किए जाएंगे। विभाग की बजट मांग पर चर्चा के समय इन्हें प्रस्तुत किया जाता है ताकि सदस्यों को पिछले वित्तीय वर्ष में जो कुछ विभाग ने किया, उसकी जानकारी मिल जाए। इसके आधार पर सदस्य चर्चा में अपनी बात रखते हैं।
आर्थिक सर्वेक्षण बजट प्रस्तुत होने के एक दिन पूर्व लाया जाता है। वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वर्ष 2019 में भी पूर्ण बजट प्रस्तुत होने के एक दिन पहले ही इसे सदस्यों को दिया गया था। विभागों के प्रतिवेदन भी बाद में ही रखे गए थे। सामान्य प्रशासन विभाग भी विभिन्न रिपोर्ट मानसून सत्र में रखेगा।
मप्र का सात फरवरी से शुरू होगा बजट सत्र
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