नई दिल्ली । सरकार ने 1 अप्रैल से शुरू हो रहे वित्त वर्ष 2021-22 में 1.75 लाख करोड़ रुपए का विनिवेश लक्ष्य रखा है। चीफ इकनॉमिक एडवाइजर (सीईए) के वी सुब्रमण्यन का कहना है कि इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि केवल एलआईसी के प्रस्तावित आईपीओ  से ही एक लाख करोड़ रुपए मिल सकते हैं। सुब्रमण्यन ने एक वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 1.75 लाख करोड़ रुपए के लक्ष्य में असल में मौजूदा वित्त वर्ष के 2.10 लाख करोड़ रुपए के लक्ष्य को ही आगे बढ़ाया गया है। इनमें बीपीसीएल और एलआईसी लिस्टिंग की अहम भूमिका थी। अनुमानों के मुताबिक बीपीसीएल के निजीकरण से 75,000-80,000 करोड़ रुपए या उससे अधिक भी मिल सकते हैं। एलआईसी के आईपीओ से करीब एक लाख करोड़ रुपए मिल सकते हैं। सरकार बीपीसीएल में अपनी पूरी 52.98 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है। वेदांता ग्रुप और निजी इक्विटी फर्म अपोलो ग्लोबल तथा थिंक गैस ने इसमें दिलचस्पी दिखाई है। जहां तक एलआईसी की लिस्टिंग का सवाल है तो सरकार फाइनेंस बिल 2021 के जरिए एलआईसी एक्ट में संशोधन कर चुकी है। देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी का प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) इस साल अक्टूबर के बाद आने की संभावना है।