इंदौर. मालवा निमाड़ में हुई बारिश और ओले गिरने से गेहूं-प्याज के साथ ही सब्जियों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. खेतों में कटने के लिए खड़ी गेहूं की फसल बिछ गई है. राज्य के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने इंदौर कमिश्नर पवन शर्मा और कलेक्टर मनीष सिंह से ओलावृष्टि से हुए नुकसान को लेकर चर्चा की और फसलों के नुकसान का आकलन करने के निर्देश दिए हैं.तुलसी सिलावट ने इंदौर समेत संभाग के सभी जिलों में हुई ओलावृष्टि से हुए नुकसान पर तत्काल सर्वे शुरू करने के निर्देश दिए हैं. इंदौर के देपालपुर, हातोद, सांवेर, बेटमा, राऊ समेत कई इलाकों में भारी क्षति हुई है. वहीं, खंडवा जिले में हुई ओलावृष्टि ने करीब 40 गांवों में फसलों को बर्बाद कर दिया है. बोरगांव बुजुर्ग में सड़कों पर बिछी बर्फ की चादर के बीच लोग सेल्फी लेने के साथ ही वीडियो भी बनाते नजर आए.

आर्थिक क्षति के आकलन का निर्देश
यहां पर आर्थिक क्षति का आकलन कर रिपोर्ट देने के निर्देश कलेक्टर खंडवा को दिए गए हैं. पंधाना तहसीलदार स्वाति मीणा ने बताया कि 12 पटवारी हल्कों का निरीक्षण कराया जा रहा है. इसके लिए राजस्व विभाग, उद्यानिकी विभाग व कृषि विभाग की संयुक्त टीम ये आंकलन करने का काम करेगी. वहीं बड़वानी जिले में पाटी तहसील और राजपुर के कुछ गांवों में हल्की बूंदाबांदी हुई है, लेकिन किसी प्रकार के नुकसान की सूचना नहीं है.

खरगोन में बिजली गिरने से 2 ग्रामीणों की मौत
वहीं, खरगोन जिले की 3 तहसीलों भगवानपुरा, झिरन्या, सेंगावा में हल्की ओलावृष्टि हुई है. झिरन्या तहसील में आकाशीय बिजली गिरने से 2 ग्रामीणों की मौत भी हुई है. धार के पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में भी ओले गिरे जिससे लहुसन, प्याज समेत कई सब्जियों की फसलें प्रभावित हुईं हैं. बुरहानपुर के खकनार क्षेत्र, डोई फोड़िया,ढाबा समेत अनेक स्थानों पर आंधी और बारिश के साथ चने बराबर ओले गिरे. इससे चना और केले की फसल को भी नुकसान हुआ है हालांकि आलीराजपुर और झाबुआ में ओलावृष्टि नहीं हुई है.