
नई दिल्ली । कोविड-19 महामारी से जुड़े लॉकडाउन के कारण बड़ी संख्या में लोगों की नौकरी छूट गई। मौजूदा वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों के दौरान बंद होने वाले पीएफ अकाउंट्स की संख्या 6.5 फीसदी बढ़कर 71 लाख पहुंच गई है। 2019-20 के पहले नौ महीनों में 66.7 लाख अकाउंट बंद हुए थे। ईपीएफ अकाउंट कई कारणों से बंद होता है। इनमें रिटायरमेंट, नौकरी जाना और नौकरी बदलना शामिल है। इस समय देश में 5 करोड़ से अधिक एक्टिव ईपीएफ अकाउंट्स हैं। हालांकि मौजूदा वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों के दौरान विदड्रॉल में 33 फीसदी इजाफा हुआ है। इस दौरान 73498 करोड़ रुपये की निकासी की गई जबकि पिछले साल समान अवधि में 55125 करोड़ रुपए निकाले गए थे। लेबर एंड एम्पलॉयमेंट मिनिस्टर संतोष गंगवार ने लोकसभा में यह जानकारी दी। कोरोनावायरस महामारी ने कारोबार जगत के लिए अभूतपूर्व चुनौतियां पैदा की है। कई कारोबार बंद हो गए हैं और बेरोजगारी बढ़ी है। 2020 में ईपीएफओ से आंशिक निकासी में भी तेजी आई है। 2019 में इसकी संख्या 54.4 लाख थी जो 2020 में दोगुनी होकर 1.3 करोड़ पहुंच गई। सरकार ने कोरोना संकट से जूझ रहे निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को अपने ईपीएफ खातों से पैसा निकालने का मौका दिया था। उन्हें अपनी बचत का 75 फीसदी तक निकालने की अनुमति दी थी। कोरोना संकट के दौरान नौकरी गंवाने वाले कई लोगों ने इस सुविधा का लाभ उठाया था।