नई दिल्ली । क्रिप्टोकरेंसी ने फिर रिकॉर्ड तोड़ दिया है। शुक्रवार को डिजिटल करेंसी ने 60,000 डॉलर का सार्वकालिक उच्च स्तर बनाया है। क्रिप्टोकरेंसी में तेजी से एक बिटकॉइन की कीमत भारतीय मुद्रा में 43.85 लाख रुपए हो गई है। इस समय दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है। बड़े निवेशक तुरंत मुनाफे के लिए इसका रुख कर रहे हैं, जिसके चलते इसकी कीमत में तेजी से उछाल आ रहा है। बता दें दिसंबर 2020 में बिटकॉइन का भाव 20 हजार डॉलर के स्तर को पार चुका था। दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर कारोबार के दौरान बिटकॉइन 60,000 के उच्च स्तर पर पहुंच गया1 बीते 24 घंटे में इसमें करीब 8 फीसदी से ज्यादा की बढ़त देखने को मिली है। सिर्फ एक साल में इस क्रिप्टोकरेंसी में 271 फीसदी का उछाल देखने को मिला है। अनुमान के मुताबिक इंडिया में इस समय लगभग 50 से 60 लाख बिटकॉइन यूजर्स हैं और आने वाले समय में इसकी कीमतों में और उछाल देखने को मिल सकता है। बाजार के विशेषज्ञों का मानना है कि 2030 तक बिटकॉइन की कीमत 1 करोड़ रुपए तक पहुंच सकती है।
बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी होती है, जो ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है1 इस करेंसी में कूटलेखन तकनीक का प्रयोग होता है1 इस तकनीक के जरिए करेंसी के ट्रांजेक्शन का पूरा लेखा-जोखा होता है, जिससे इसे हैक करना बहुत मुश्किल है। यही कारण है कि क्रिप्टोकरेंसी में धोखाधड़ी की संभावना बहुत कम होती है। क्रिप्टोकरेंसी का परिचालन केंद्रीय बैंक से स्वतंत्र होता है, जो कि इसकी सबसे बड़ी खामी है। बिटकॉइन ट्रेडिंग डिजिटल वॉलेट के जरिए होती है। बिटकॉइन की कीमत दुनियाभर में एक समय पर समान रहती है। इसलिए इसकी ट्रेडिंग मशहूर हो गई। दुनियाभर की गतिविधियों के हिसाब से बिटकॉइन की कीमत घटती बढ़ती रहती है। इसे कोई देश निर्धारित नहीं करता बल्कि डिजिटली कंट्रोल होने वाली करंसी है. बिटकॉइन ट्रेडिंग का कोई निर्धारित समय नहीं होता है। इसकी कीमतों में उतार-चढ़ाव भी बहुत तेजी से होता है।
बिटकॉइन की कीमत भारतीय मुद्रा में 43.85 लाख पहुंची
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