नई दिल्ली: एक रिपोर्ट के मुताबिक लद्दाख में बॉर्डर पर भारतीय सेना ने 15 बटालियन को अलर्ट हाई-अलर्ट पर रखा है। यहां भारतीय सेना ने इस बटालियन को रिजर्व यूनिट के तौर पर रखा है। एक अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक ऐसा इसलिए किया गया है ताकि अगर चीनी सैनिक ऊंचाई के क्षेत्र में अगर फिर से घुसपैठ करते है तो उन्हें रोका जा सके। गौर हो कि पिछले कई दिनों से चुमार, डेमचौक क्षेत्र में चीनी सैनिकों की लगातार घुसपैठ की वजह से इस क्षेत्र में तनाव बना हुआ है।

उल्लेखनीय है कि लद्दाख के चुमार इलाके में पैदा हुए टकराव के हालात ने रविवार को उस वक्त नया मोड़ ले लिया जब चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने भारतीय सीमा में अपने सात तंबू गाड़ दिए और अब सीमा से वापसी के कोई संकेत नहीं दे रही है।

सरकारी सूत्रों के मुताबिक शनिवार को गाड़ियों पर सवार होकर लेह से 300 किलोमीटर दूर चुमार में आए चीनी सैनिकों ने भारतीय थलसेना की ओर से इलाके को खाली करने की चेतावनी बार-बार दिए जाने के बावजूद भारतीय सीमा में अपने तंबू गाड़ दिए हैं। सूत्रों ने कहा कि पीएलए के करीब 100 जवानों को सामरिक रूप से अहम चौकी ‘प्वाइंट 30आर’ के पास देखा गया। ‘प्वाइंट 30आर’ चौकी से भारत को चीन की सीमा में भीतर तक नजर रखने में मदद मिलती है।

पीएलए अक्सर ‘प्वाइंट 30आर’ चौकी के पास आती रही है क्योंकि भारतीय थलसेना ने इसे एक निगरानी चौकी बना रखा है जिससे भारत को चीन की सीमा के काफी भीतर तक उसकी गतिविधियों पर नजर रखने में मदद मिलती है। चीनी हेलीकॉप्टरों को एक बार फिर अपने सैनिकों के लिए खाने-पीने के पैकेट गिराते देखा गया पर उन्होंने वायु क्षेत्र का उल्लंघन नहीं किया। पीएलए के जवानों ने बाद में खाने के पैकेट उठा लिए और उन्हें अपने तंबू के भीतर रख लिया। हिमाचल प्रदेश से सटे लद्दाख के इलाके में आखिरी गांव चुमार पर चीन अपनी दावेदारी करता रहा है। चीन का कहना है कि चुमार उसका इलाका है।