शिवपुरी । प्रदेशभर में आचार संहिता लागू हो चुकी है और इसी दौरान कई त्योहार भी आने वाले हैं। 15 अक्टूबर से नवरात्रि शुरू होने जा रही हैं। नवरात्रि में जिले भर में जगह-जगह माता की झांकियां सजाई जाती हैं, गरबों का आयोजन होता है। इसमें स्थानीय लोगों के साथ जनप्रतिनिधि भी शामिल होते हैं। गरबों में आमजन और माता भक्त तो गरबा कर सकेंगे, लेकिन राजनीति के डांडिया यहां नहीं खनक पाएंगे।
धार्मिक आयोजनों में नेताओं का पहुंचना और लुभावनी बातें करना आम बात है, लेकिन आदर्श आचार संहिता इसकी अनुमति नहीं देती है। इसके चलते प्रशासन ने वीडियो और निगरानी टीम को अलर्ट कर दिया है। नवरात्रि शुरू होते ही यह टीमें सभी जगहों पर वीडियोग्राफी के लिए जाएंगी। इसमें आयोजकों की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी कि उनके यहां किसी भी प्रकार से आचार संहिता का उल्लंघन न हो। यहां पर प्रत्याशी किसी भी तरह की सामग्री का वितरण नहीं कर सकेंगे। न ही वे प्रसाद के नाम पर तोहफे दे सकेंगे और न ही अपना प्रचार कर सकेंगे।
गतिविधियों पर रहेगी नजर
अभी शिवपुरी में पांच विधानसभाओं पर कुल पांच प्रत्याशी ही दलों ने घोषित किए हैं। ऐसे में जो लोग प्रत्याशी घोषित नहीं हुए, लेकिन राजनीति से जुड़े हैं उनके भी ऐसे आयोजनों में सम्मलित होने और उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी। उल्लेखनीय है कि पूर्व के चुनावों में धार्मिक आयोजनों में चंदा देने, साड़ियां बांटने, अपने प्रचार के धार्मिक पोस्टर लगवाने जैसे कई मामले प्रकाश में आ चुके हैं।
शहरी क्षेत्र से अधिक ग्रामीण में फोकस
अधिकारियों का कहना है कि सामान आदि वितरित करने के मामले में ग्रामीण क्षेत्र में अधिक आने की संभावना रहती है। इसलिए इन क्षेत्रों में प्रशासन की विशेष नजर रहेगी। वीडियोग्राफी और जांच के लिए पहले से ही दल गठित कर दिए गए हैं और इन्हीं पर निगरानी की जिम्मेदारी होगी। इसमें किसी भी तरह की रियायत नहीं दी जाएगी।
शिवपुरी शहर की सीमा उत्तर प्रदेश और राजस्थान से लगती है। इन दोनों प्रदेशों से लगने वाली सीमा पर पुलिस और प्रशासन ने निगरानी बढ़ा दी है। यहां पर प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम लोगों की जांच कर रही है। चुनाव के समय इन राज्यों से अवैध शराब, रुपये, बदमाशों के आने की आशंका बनी रहती है। प्रशासन ने करैरा में सिकंदरा बैरियर, पोहरी में भैसरावन, पिछोर में मसीदघाट बामौरकला, माताटीला चौराहा और बलदेवपुर हिनौतिया और कोलारस में तेंदुआ पर अंतरराज्जीय नाके बनाए गए हैं।
इनका कहना
चुनाव के समय नवरात्र, दशहरा, दीपावली आदि त्योहार पड़ रहे हैं। यह त्योहार लोग अपनी परंपरा के अनुसार मनाएंगे, लेकिन इसमें राजनीतिक गतिविधियां नहीं होंगी। टीम को निर्देशित किया गया है कि वे जाकर वीडियोग्राफी करें और देखें कि कहीं कोई उपहार आदि राजनीतिक रूप से न बांटे जाएं।
-रविंद्र कुमार चौधरी, कलेक्टर