नई दिल्ली : लद्दाख में चीनी और भारतीय सेना के बीच आमना-सामना की स्थिति की पृष्ठभूमि में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उम्मीद जाहिर की है कि दोनों पड़ोसी सीमा पर शांति एवं स्थिरता कायम करने के लिए ‘त्रुटिरहित’ वार्ता तंत्र बनाना सुनिश्चित करेंगे।
भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर आए चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के सम्मान में आयोजित रात्रिभोज के दौरान प्रणब ने कहा, ‘हमारे देश सीमा के सवाल समेत दोनों देशों के बीच लंबित मुद्दों के जल्द समाधान की साझी इच्छा रखते हैं। हम दोनों हमारी सीमाओं पर शांति और स्थिरता बनाये रखने को प्रतिबद्ध हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हम दोनों यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि इस उद्देश्य के लिए वार्ता तंत्र ऐसा हो जो त्रुटिरहित हो।’
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा, ‘हमारे लिये यह महत्वपूर्ण है कि हमारी दोनों सेनाओं के बीच सहयोगात्मक संबंध और बातचीत को बढ़ावा मिले और इनके बीच सभी स्तरों पर संवाद को बेहतर बनाने के प्रयास हों।’ उन्होंने कहा कि भारत गंभीरता से इस बात को मानता है कि दोनों देशों के बीच संबंध ऐसे गठजोड़ के रूप में विकसित हों जो संतुलित और व्यापक हो।
प्रणब ने कहा कि हम द्विपक्षीय संदर्भ में दोनों देशों के लिए ऐसे महत्वपूर्ण अवसर पैदा करेंगे जो परस्पर लाभ प्रदान करने वाले होंगे और इसका लाभ एशिया के विकास में भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि चीनी राष्ट्रपति की आधिकारिक यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों के नये युग की दिशा में देख रहे हैं।
चीन के आर्थिक विकास और उत्पादकता की राह पर आगे बढने से भारत के प्रसन्न होने का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने उम्मीद जाहिर की कि यह मजबूत वैश्विक अर्थव्यवस्था और क्षेत्र एवं दुनिया में शांति स्थापित करने में योगदान करेगा।
उन्होंने कहा कि भारत के लोग चीन को महान सभ्यता और एक ऐसे देश के रूप में देखते हैं जिसने काफी कम समय में अभूतपूर्व प्रगति और समृद्धि हासिल की है। प्रणब ने कहा कि पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना का अभूतपूर्व आर्थिक विकास, गरीबी उन्मूलन, आधारभूत संचरना के सृजन और सूचना सम्पर्क प्रेरणादायक हैं।
भारत और चीन के बीच आज समझौतों पर हस्ताक्षर होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए प्रणब ने कहा कि दोनों देशों के बीच साझा हितों के क्षेत्रों में व्यापक समझौतों पर हस्ताक्षर से हमारे संबंधों की बढ़ती प्रगाढ़ता परिलक्षित होती है। रात्रिभोज के दौरान अपने भाषण में राष्ट्रपति ने कहा, ‘हम अब अपने संयुक्त प्रयासों में नयी गति देने पर ध्यान दे रहे हैं। हम अपने कई समपूरकों को समझना चाहेंगे। इसके साथ ही सकारात्मक वातावरण बनाने और इसे कायम रखने के लिए यह जरूरी है कि हम एक दूसरे की चिंताओं और आकांक्षओं के प्रति संवेदनशील रहे।’
उन्होंने कारोबार और आर्थिक सहयोग बढ़ाने की जरूरत पर भी बल दिया। प्रणब ने कहा, ‘इसे हासिल करने के लिए हमे व्यापार घाटे, एक दूसरे के उत्पादों को बेहतर उत्पाद पहुंच सुगम बनाने और आधारभूत ढांचे के क्षेत्र में सहयोग के अवसर बढ़ाने के लिए अपने अपने प्रयासों को दोगुणा करने की जरूरत है।’
प्रणब को उम्मीद, भारत-चीन के बीच शांति व स्थिरता के लिए होगी \'त्रुटिरहित\' वार्ता
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