नई दिल्ली: सेना के एक धर्मगुरु ने यह दावा करके विवाद खड़ा कर दिया है कि अभिवादन के लिए ‘राम राम’ और ‘जय माता दी’ के स्थान पर ‘जय हिंद’ का इस्तेमाल करने के लिए उसकी निंदा की गई। यद्यपि सेना ने उसके दावों का खंडन किया।

राजपूताना रायफल्स की तीसरी बटालियन के सूबेदार इशरत अली ने राष्ट्रपति और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को पत्र लिखकर यह आरोप लगाया कि उसके कमांडिंग अधिकारी ने बटालियन के नारे ‘‘राम राम’’ और ‘‘जय माता दी’’ के स्थान पर इकाई में ‘जय हिंद’ का इस्तेमाल करने के लिए उसे नोटिस जारी किया।

बताया जाता है कि इशरत अली ने पत्र की एक प्रति उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भी भेजी जिसमें कथित तौर पर उसने अपनी इकाई के नारों ‘राम राम’ और ‘जय माता की’ को हिंदू धार्मिक मंत्रोच्चार करार दिया और कहा कि उसके लिए इनका इस्तेमाल करना असंभव है क्योंकि वह एक मुस्लिम मौलवी है। सैन्य मुख्यालय ने कहा कि मौलवी को नोटिस ‘जय माता की’ और ‘राम राम’ के जयकारों का इस्तेमाल नहीं करने के लिए जारी किया गया है जो कि बटालियन के इतिहास में कई दशकों से युद्ध जयकारे हैं और यह इकाई की परंपरा का हिस्सा हैं।