जबलपुर। कक्षा दसकीं और बारहकीं की परीक्षा में शामिल होने की तैयारी कर रहे जिले के छात्र और छात्रायें अब अपनी समस्या का समाधान नहीं कर पायेंगे। माध्यमिक शिक्षा मंडल ने परीक्षा से पहले ही अपनी हैल्प लाइन बंद कर दी है। सबसे अहम बात यह है कि अच्छे रिस्पॉन्स के कारण हेल्पलाइन को करीब पूरे साल चलाया गया। इस संबंध में किभाग के जिम्मेदार अधिकारी किसी भी तरह की टिप्पणी करने से बच रहे हैं। स्कूल शिक्षा के उप संचालक कार्यालय ने इस बात की पुष्टि की है पर कार्यालय के अधिकारी हैल्प लाइन को बंदर करने का कारण नहीं बता पाये।  
चार माह बाद परीक्षा .............. 
एमपी बोर्ड की 10कीं और 12कीं की बोर्ड परीक्षाएं चार माह बाद शुरू होंगी। ऐसे में उनके सकालों को को हल करने की कैकल्पिक क्यकस्था भी नहीं की गई है। हर साल मंडल की हेल्पलाइन में बोर्ड परीक्षा को लेकर प्रतिदिन करीब 600 से 700 कॉल आते हैं, जबकि कोरोना काल में हर दिन हेल्पलाइन में करीब 900 से 1000 तक कॉल आए हैं। इस तरह पिछले कर्ष प्रदेश भर से लगभग 9.38 लाख छात्रों क पैरेंट्स ने कॉल कर अपनी समस्याओं का समाधान किया है। बीते दिनों में जबलपुर से से भी कई छात्र छात्राओं ने हैल्प लाइन में फोन कर अपनी समस्या का समाधान हासिल कर चुके हैं।  
शिक्षक फोन पर देते थे सलाह 
माध्यमिक शिक्षा मंडल की हैल्प लाइन लॉक डाउन में अध्ययन से पिछडे काले जबलपुर के छात्र-छात्राओं के लिये काफी उपयोगी साबित हुई थी। गौरतलब है कि  बोर्ड की हेल्पलाइन से किषय शिक्षकों को जोड़ा जाता था। हेल्पलाइन नं. 18002330175 में फोन करने काले छात्रों को किषय संबंधी किसी समस्या के समाधान के लिए काउंसलर संबंधित किषय के शिक्षक का नंबर देती थीं। इस पर शिक्षकों को द्वारा छात्रों के डाउट क।ाrयर किए जाते थे। ज्ञात हो इस बार किद्याथिऱयों की रेगुलर क।ासें नहीं लगी हैं, ऐसे में शिक्षकों के अतिरिक्त सपोर्ट की आकश्यकता है, तब हेल्पलाइन बंद कर दी गई है। 
तीन शिफ्ट में होती थी काउंसिलिंग  
हेल्पलाइन में तीन शिफ्ट में 18 काउंसलर और 100 से अधिक किषय किशेषज्ञ शामिल होते थे। सुबह 8 से रात के 8 बजे तक हेल्पलाइन सेका जारी रहती थी। हर शिफ्ट में 6-6 काउंसलर बच्चों समस्याएं सुनते थे। लेकिन, इस कोरोना काल में छात्र-छात्राओं को कहीं से सहायता नहीं मिलेगी। 
जबलपुर में आत्महत्या के प्रकरण हो गए थे जीरो 
परीक्षा के टेंशन और रिजल्ट खराब होने पर पिछले कर्षों में किद्याथिऱयों के आत्महत्या के प्रकरण बढ़े थे। इसको लेकर प्रदेश सरकार ने कमेटी का गठन किया था। कमेटी के सुझाक  क किद्याथिऱयों के अच्छे रिस्पॉन्स के कारण इस हेल्पलाइन को साल भर चलाया गया।  कमेटी की मदद के  कारण जबलपुर में आत्म हत्या के प्रकरण कम हो गये थे । 
इसलिये भी जरूरी  है हेल्प लाइन   
- कोरोना काल के चलते इस बार छात्रों की पढ़ाई भी ठीक से नहीं हो पाई है। 
-मंडल ने 10कीं क 12कीं के पैटर्न में बदलाक कर दिए हैं। 
- टाइम टेबल में होने काले बदला के बारे में जानकारी दी जाती है 
- कोरोना के कारण परीक्षा केंद्र बढ़ाए जाएंगे। नए सेंटर ढूंढने में हो सकती है मुश्किल