नई दिल्ली : कांग्रेस ने सोमवार को उन पार्टी नेताओं के बोलने पर एक तरह से पाबंदी लगाने का प्रयास किया, जो इसके लिए अधिकृत नहीं हैं. पार्टी ने कहा कि ऐसे नेता मीडिया के जरिये अपनी राय जाहिर ना करें जो अधिकृत प्रवक्ता नहीं हैं.

हालांकि कांग्रेस प्रवक्ता शकील अहमद का कहना था कि यह कोई पाबंदी आदेश नहीं है, लेकिन कांग्रेस ने यह स्पष्ट कर दिया कि पार्टी की ओर से सिर्फ पार्टी प्रवक्ता ही मीडिया के समक्ष बोलने के लिए अधिकृत हैं और प्रवक्ता जो बोलेंगें वही पार्टी की अधिकृत लाइन होगी.

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के प्रमुख अजय माकन ने ट्विटर पर पांच वरिष्ठ प्रवक्ताओं और 13 प्रवक्ताओं की सूची जारी करते हुए कहा कि सिर्फ यही प्रवक्ता पार्टी की ओर से बोलने के लिए अधिकृत हैं.

शकील अहमद ने हालांकि बार बार इस बात से इंकार किया पार्टी किसी खास नेता के प्रति विरोध का भाव जाहिर कर रही है लेकिन एआईसीसी में चर्चा यह है कि इस आदेश का निशाना पूर्व सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी और पार्टी के पूर्व प्रवक्ता राशिद अल्वी हैं.

हाल के दिनों में इन दोनों नेताओं ने कुछ ऐसी टिप्पणियां की थी जो पार्टी की अधिकृत लाइन से मेल नहीं खाती थी.

शकील अहमद ने कहा कि पार्टी में 18 प्रवक्ता हैं. पार्टी के कम्युनिकेशन विभाग के अध्यक्ष का मीडिया से यह अनुरोध है कि वह इनसे पूछे कि पार्टी की लाइन क्या है. यह किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं है.

यह पूछे जाने पर कि अगर राहुल गांधी मीडिया से कुछ कहते हैं तो मीडिया को इसे किस तरीके से लेना चाहिए, अहमद ने कहा, ‘राहुल गांधी पार्टी के उपाध्यक्ष हैं और सोनिया गांधी अध्यक्ष हैं, वह जो कुछ कहेंगे वह पार्टी की आधिकारिक लाइन होगी और यही चीज हम आपको बता रहे हैं.'

उन्होंने कहा, ‘प्रवक्ता उन मुद्दों पर बातचीत कर सकते हैं, डे टू डे मुद्दों पर पार्टी की आधिकारिक लाइन बताने के लिए पार्टी के प्रवक्ता अधिकृत हैं.