बर्ड फ्लू की दस्तक से अलर्ट, इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए हल्दी वाला पानी पिएंगे झाबुआ के कड़कनाथ

  • झाबुआ जिले में कड़कनाथ पालने वालों में मचा हड़कंप
  • सरकारी अधिकारी-कर्मचारी केंद्रों पर पहुंचकर दे रहे समझाइश

मध्यप्रदेश में बर्ड फ्लू ने जैसे ही दस्तक दी तो झाबुआ के फॉर्महाउस के कड़कनाथ और उनके चूजों को आइसोलेट कर दिया गया है। इन्हें तंदुरुस्त रखने के लिए अब डॉक्टरी सलाह पर हल्दी वाला पानी पिलाया जाएगा। बता दें कि झाबुआ-आलीराजपुर जिले के इसी क्षेत्र से क्रिकेटर महेंद्रसिंह धौनी के फॉर्महाउस पर भी कड़कनाथ किए जाने वाले हैं। दरअसल, जिले की एक कॉलोनी में मंगलवार शाम ही एक कबूतर मृत अवस्था में मिला। इसके बाद से ही यहां हड़कंप है। हाल ही में कृषि विज्ञान केंद्र और पशु पालन विभाग ने भी अपने यहां के कड़कनाथ फॉर्म को आइसोलेट कर दिया। अब इन केंद्रों पर न चूजे बाहर आ सकते है, न अंदर ले जाया जा सकता है। पशु पालन विभाग की टीम इन्हें पालने वालों को गाइड भी कर रहे हैं। झाबुआ में कृषि विज्ञान केंद्र और पशु पालन विभाग के केंद्रों पर लगभग 500-500 से अधिक कड़कनाथ मुर्गे है।

मुर्गी पालकों को कड़कनाथ की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए पानी में हल्दी कुछ मात्रा में मिलाकर देने की सलाह दी जा रही है।
मुर्गी पालकों को कड़कनाथ की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए पानी में हल्दी कुछ मात्रा में मिलाकर देने की सलाह दी जा रही है।

थांदला के पास रुंडीपाड़ा में विनोद मेड़ा के फॉर्म में पशुपालन विभाग की टीम मंगलवार को निरीक्षण के लिए पहुंची। झाबुआ कुक्कुट पालन केंद्र के प्रभारी डॉ एएस दिवाकर ने इस केंद्र का जायजा लिया। इसके अलावा भी कुछ मुर्गी पालन केंद्रों का निरीक्षण किया गया। मुर्गी पालकों को बताया गया कि पक्षियों में विटामिन बढ़ाने वाली खुराक देना है और इम्यूनिटी के लिए पानी में हल्दी कुछ मात्रा में मिलाकर दी जाए। साथ ही परिसर को साफ बनाए रखने और बाहर से चूजे नहीं लाने की समझाइश दी गई। विनोद मेड़ा का फॉर्म वही है जिसे महेंद्रसिंह धोनी को कड़कनाथ उपलब्ध कराना है। दिसंबर में उन्हें जाना था लेकिन मौसम खराब होने से अब तक नहीं गए हैं। 10 जनवरी के बाद संभावना है। ज्यादा ठंड कड़कनाथ पक्षियों की जान के लिए खतरा बन सकती है।
कबूतर मृत मिलने के बाद से चौकन्ने हुए लोग और विभाग
स्थानीय लोगों का कहना है, दो कबूतर मृत हुए थे। इनमें से एक का शव कुत्ता उठाकर ले गया। एक कबूतर के शव की सूचना प्रशासन को दी। एसडीएम ने खबर मिलने पर डिप्टी डायरेक्टर विलियम भाबर ने बताया, सूचना मिलने पर डॉ. रमेश भूरिया को भेजा गया था। एक कबूतर का शव मिला है। बुधवार को थांदला और राणापुर में भी एक-एक कबूतर मृत मिले है। सरकारी स्तर के अलावा जिले में सौ से अधिक स्व सहायता समूहों द‌वारा कड़कनाथ मुर्गे का पालन किया जाता है। इन सभी सहायता केंद्रों पर भी पहुंचकर समझाइश दी जा रही है।
पक्षियों की लगातार मौतों की खबर ने बढ़ाई चिंता
दरअसल चिंता इसलिए है कि पिछले कुछ दिनों से प्रदेश के कई शहरों से अचानक पक्षियों की मौत की खबरें आ रही हैं। इंदौर में दो मृत कौओं में एच-1 एन-1 वायरस की पुष्टि हो चुकी है। ये बर्ड फ्लू का वायरस है। प्रशासन को सरकार ने पहले से अलर्ट पर रखा है। किसी भी एकसाथ पक्षियों की अचानक मौत होने पर प्रशासन को फौरन वहां पहुंचकर सैंपलिंग करना है। अभी तक जिले में इस तरह का कोई केस सामने नहीं आया। हालांकि बर्ड फ्लू की खबरों के कारण लोग डरे हुए हैं। दो दिन पहले शहर के कृषि विज्ञान केंद्र ने भी अपने यहां के कड़कनाथ फॉर्म को आइसोलेट कर दिया।