नेशनल फॉर्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) ने 39 दवाओं के दाम 30 फीसदी तक कम करने का फैसला किया है. इनमें कैंसर, टीबी, मलेरिया और हेपेटाइटिस बी जैसी बीमारियां में इस्तेमाल होने वाली दवाएं शामिल हैं. आपको बता दें कि एनपीपीए दवाओं की अधिकतम कीमत तय करती रहती है जिससे मरीजों को महंगी दवाओं से छुटकारा मिल सके.

39 दवाओं की कीमतें 10-30 फीसदी तक हुई कम
एनपीपीए ने नोटिफिकेशन में कहा है कि ड्रग्स (प्राइस कंट्रोल) अमेंडमेंट ऑर्डर-2013 के तहत 39 दवाओं की कीमतें 10 से 30 फीसदी तक घटाई गई हैं. इनमें 18 दवाओं की अधिकतम कीमत तय की गई है, जबकि 21 दवाओं की अधिकतम कीमत में बदलाव किया गया है.

2 साल में 821 दवाओं के दाम हुए कम 
एनपीपीए ट्वीट के जरिए बताया है कि नेशनल लिस्ट ऑफ इसेंन्शियल मेडिसिन 2015 के तहत अब तक 821 दवाओं के दाम घटाए हैं.एनपीपीए ने कहा है कि मैन्युफैक्चरर्स तय कीमत से ज्यादा नहीं ले सकते हैं.

समय-समय पर एनपीपीए उठाता है बड़े कदम
एनपीपीए ड्रग्स (प्राइस कंट्रोल) ऑर्डर-2013 के तहत शिड्यूल-1 में आने वाली जरूरी दवाओं की कीमत तय करता है. सरकार जरूरत के हिसाब से जरूरी दवाओं की लिस्ट तैयार करती है, जिसमें समय-समय पर नई दवाओं को शामिल किया जाता है.

लिस्ट को नेशनल लिस्ट ऑफ एसेन्शियल मेडिसिन (एनएलईएम) कहा जाता है. इन लिस्ट में शामिल दवाइयों को काफी किफायती कीमत पर दिलाने की जरूरत होती है, इसलिए समय-समय पर कीमतें कम की जाती हैं. इन लिस्ट में शामिल दवाइयों को काफी किफायती कीमत पर दिलाने की जरूरत होती है, इसलिए समय-समय पर कीमतें कम की जाती हैं.  इसका मकसद सभी ब्रांड की एक ही दवा की कीमत बराबर रखना है, जिससे कस्टमर्स अपनी सुविधा के अनुसार चुनाव कर सकें.