
पैसे देकर फर्जी खबर छपवाने (पेड न्यूज) के मामले में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा तीन साल के लिए 'अयोग्य' ठहराए गए मध्य प्रदेश के जनसंपर्क मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा की याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय की युगलपीठ में अगली सुनवाई 21 सितंबर को होगी.
दतिया से विधायक मिश्रा के खिलाफ निर्वाचन आयोग में शिकायत करने वाले राजेंद्र भारती के अधिवक्ता प्रतीप बिसौरिया के मुताबिक, बुधवार को युगलपीठ ने मिश्रा के अधिवक्ताओं द्वारा रखे गए पक्षों को सुना.
नरोत्तम मिश्रा ने हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा कि अखबारों में प्रकाशित हुई खबरें पेड न्यूज नहीं थी. सभी अखबारों ने कहा है कि उन्होंने अपनी मर्जी से खबरें छापी थी. उन्हें ऐसा करने के लिए किसी से रुपये नहीं मिले थे. लगभग डेढ़ घंटे तक सुनवाई चलने के बाद युगलपीठ ने सुनवाई की अगली तारीख 21 सितंबर तय कर दी.
मंत्री मिश्रा ने निर्वाचन आयोग के फैसले को चुनौती दी है. दिल्ली उच्च न्यायालय की युगलपीठ पेड न्यूज मामले की सुनवाई सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर कर रही है.
वर्ष 2008 में हुए विधानसभा चुनाव में मिश्रा से हारे उम्मीदवार राजेंद्र भारती ने आयोग से शिकायत की थी कि मिश्रा ने पेड न्यूज छपवाए और चुनाव खर्च का सही ब्यौरा भी आयोग को नहीं दिया. ये आरोप साबित होने पर आयोग ने 23 जून, 2017 को मिश्रा को तीन साल के लिए चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित किया था. मिश्रा राष्ट्रपति चुनाव में मतदान नहीं कर पाए थे, लेकिन मंत्री पद पर अब भी बने हुए हैं.
मिश्रा आयोग के फैसले के खिलाफ पहले उच्च न्यायालय की ग्वालियर पीठ और फिर जबलपुर मुख्यपीठ गए, मगर राहत नहीं मिली.
दिल्ली उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने भी आयोग के फैसले को ही सही ठहराया. उसके बाद मिश्रा ने सर्वोच्च न्यायालय में दस्तक दी. उनकी याचिका पर शीर्ष न्यायालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय में युगलपीठ के जरिए मामले की जल्दी सुनवाई के निर्देश दिए. इस मामले में फैसला आने तक आयोग के फैसले के खिलाफ अंतरिम स्थगन है.