नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘स्वच्छ भारत’ को जन आंदोलन बनाने और उसमें अधिक हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के लिए उसे आर्थिक गतिविधि से जोड़ने का आह्वान किया।

मोदी ने यहां एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम में सभी सरकारी विभाग भी सक्रिय हिस्सेदारी करेंगे। पंचायत स्तर तक के सरकारी कार्यालय स्वच्छता अभियान में शामिल होंगे जो कि 25 सितम्बर से दीपावली यानी 23 अक्तूबर तक चलेगा।

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि मिशन स्वच्छ भारत दो अक्तूबर को महात्मा गांधी की प्रेरणा से शुरू किया जाएगा ताकि स्वच्छ भारत बनाने के उनके सपने को 2019 तक साकार किया जा सके। मोदी ने कहा कि स्वच्छता का अभियान एक आर्थिक गतिविधि, जीडीपी वृद्धि में योगदान, स्वास्थ्य देखभाल खर्च में कमी और रोजगार का एक स्रोत हो सकता है ।

उन्होंने स्वच्छता को भारत में पर्यटन और वैश्विक रूचि से जोड़ते हुए कहा कि भारत के 50 शीर्ष स्थलों में विश्व स्तर की स्वच्छता और सफाई की जरूरत है ताकि देश के बारे में वैश्विक अवधारणा में क्रांतिकारी बदलाव लाया जा सके। मोदी ने कहा कि यदि लोग दीपावली पर प्रत्येक वर्ष अपने घरों की सफाई कर सकते हैं तो इसका विस्तार समग्र स्वच्छता और स्वच्छ भारत तक क्यों नहीं किया सकता।

उन्होंने पूरे भारत में 500 शहरों और नगरों में पीपीपी माडल के आधार पर ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और अपशिष्ट जल प्रबंधन करने की अपनी दृष्टि को दोहराया। बैठक में केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली, एम. वेंकैया नायडू और नितिन गडकरी के साथ ही अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।