पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी पूरे देश में घूमकर विपक्षी पार्टियों को साथ लाएंगी और यूनाइटेड फ्रंट बनाने की कोशिश करेंगी ताकि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को कड़ी चुनौती दी जा सके.
उनकी ये राजनीतिक यात्रा गुरुवार को दिल्ली से शुरू होगी, जहां सोनिया गांधी ने सभी विपक्षी पार्टियों की एक मीटिंग है. इसमें ममता के अलावा आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव, बसपा प्रमुख मायावती, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, ओडिया के मुख्यमंत्री और बीजेडी के अध्यक्ष नवीन पटनायक के साथ उप्र के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के शामिल होने की संभावना है.
तृणमूल कांग्रेस बंगाल में भारतीय जनता पार्टी के साथ कड़े सियासी मुकाबले का सामना कर रही है. भाजपा लगातार वहां भाजपा द्वारा एक के बाद एक खड़ी की जा रही चुनौतियों का सामना कर रही है. ममता ने कांग्रेस नेता अहमद पटेल को राज्यसभा चुनाव जीतने पर बधाई दी.
लोकतंत्र जीत गया
मिदनापुर में एक जनसभा में उन्होंने भाजपा भारत छोड़ो आंदोलन का भी आगाज कर दिया है. उन्होंने इस जनसभा में पटेल की जीत का उल्लेख करते हुए कहा, हम सभी ने लोकतंत्र और तानाशाही के बीच लड़ाई देखी. खुशी की बात है कि आखिरकार तमाम बाधाओं के बावजूद लोकतंत्र जीतने में कामयाब रहा.
उन्होंने कहा, मैं तृणमूल कांग्रेस के भाजपा भारत छोड़ो आंदोलन को लेकर राष्ट्रीय समर्थन जुटाने के लिए अन्य राज्यों का भी दौरा करुंगी. दिल्ली के बाद मैं 27 अगस्त को पटना में भाजपा विरोधी रैली में शामिल होऊंगी. 30 अगस्त को झारखंड जाऊंगी, जहां दलितों के खिलाफ लगातार दमनचक्र चल रहा है. मैं केंद्र से भाजपा को उखाड़ फेंकने तक शांत बैठने वाली नहीं.
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर हमला करते हुए बनर्जी ने कहा, ये बाहरी व्यक्ति बंगाल आया, एक ओर उन्होंने उत्तरी बंगाल में एक दलित के घर खाना खाया वहीं दूसरी ओर उनकी पार्टी के लोग पूरे भारत में दलितों पर जुल्म ढहा रहे हैं. तृणमूल ने बंगाल में विधानसभा क्षेत्र और ब्लाक स्तर पर भाजपा भारत छोड़ो आंदोलन शुरू कर दिया है, जो पांच सितंबर तक चलेगा. दुर्गा पूजा के ब्रेक के बाद पार्टी फिर केंद्र की सत्ताधारी पार्टी के बाद अपने आंदोलन को तेज करेगी, जो वर्ष 2019 के चुनावों तक चलता रहेगा.