कर्नाटक के ऊर्जा मंत्री डीके शिवकुमार के यहां गुरुवार को भी आयकर विभाग (आईटी) की छापेमारी हुई. रिपोर्ट के मुताबिक, आईटी की टीम गुरुवार की सुबह शिवकुमार के दिल्ली के सफदरगंज स्थित घर पर पहुंची. इस दौरान कागजात की जांच कर रही है.

उधर, इस कार्रवाई को लेकर कांग्रेस ने कड़ा विरोध किया है. बुधवार को संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ. गुरुवार को कर्नाटक में कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सड़क पर प्रदर्शन किया.

बता दें कि इससे पहले आईटी डिपार्टमेंट की टीम ने डीके शिवकुमार के बेंगलुरु और दिल्ली स्थित घर और उस रिजॉर्ट के कमरों में जहां गुजरात के कांग्रेस विधायक रुके हुए हैं, छापेमारी की थी. इसके बाद से कर्नाटक सहित संसद तक का सियासी माहौल गर्म हो गया.

कांग्रेस ने इसे बीजेपी की साजिश बताया तो सरकार की तरफ से वित्तमंत्री अरुण जेटली ने इसे वित्तिय अनियमतिता के खिलाफ कार्रवाई बताया. उन्होंने इसे राजनैतिक कार्रवाई होने से सीधे तौर पर इनकार कर दिया. सरकार ने यह भी कहा कि रिजॉर्ट में विधायकों का मौजूद रहना महज इत्तेफाक है.

कार्रवाइयों को लेकर आईटी डिपार्टमेंट के सूत्रों का कहना है कि बुधवार को विभाग ने देशभर में कुल 64 रेड मारीं. इनमें से 39 रेड छापेमारी के तहत हुईं, जबकि 25 सर्वे के तौर पर की गईं.

गौरतलब है कि गुजरात में राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपने 40 विधायकों को टूटने से बचाने के लिए बेंगलुरु के ईगल्टन रिजॉर्ट में शिफ्ट किया है. कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी उन पर कई तरह से दबाव डाल रही थी और चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है. यह रिजॉर्ट शहर से 60 किमी की दूरी पर स्थित है. सभी विधायकों के कर्नाटक के डीके ब्रडर्स, डी शिवकुमार और डी सुरेश की देखरेख में शिफ्ट किया गया है.

बुधवार को की गई इस छापेमारी के बाद कांग्रेस ने संसद में हंगामा किया. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इस छापेमारी को प्रजा की दिनदहाड़े हत्या बताया है. रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि बीजेपी ने राज्यसभा चुनाव जीतने की साजिश के लिए हर गंदी और भद्दी चाल का इस्तेमाल किया है. वहीं, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, 'रिजॉर्ट पर छापेमारी नहीं की गई है. सिर्फ ऊर्जा मंत्री के घर पर आयकर का छापा पड़ा है. इसका राज्यसभा चुनाव से कोई संबंध नहीं है.'