
प्राइम सब्सक्रिप्शन की मियाद बढ़ाकर जियो ने और कंपनियों की मुश्किलें बढ़ाईं
कोलकाता
अपने पेड प्लांस के लिए सब्सक्रिप्शन की डेडलाइन 15 अप्रैल तक बढ़ाने और इस टाइमलाइन के भीतर रजिस्ट्रेशन कराने वालों से तीन महीने तक मंथली चार्ज न लेने के रिलायंस जियो का फैसला अन्य कंपनियों के लिए मुश्किल पैदा कर सकता है। इंडिया की टॉप तीन टेलिकॉम कंपनियां भारती एयरटेल, वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्युलर की आमदनी को आगामी तिमाहियों में जियो का यूजर्स से चार्ज न लेने का फैसला और चपत लगाएगा। इंडस्ट्री पर नजर रखने वालों और ऐनालिस्ट्स का कहना है कि जियो के इन दो फैसलों से कस्टमर्स को अपने साथ बनाए रखने के मोर्चे पर टॉप 3 कंपनियों की दिक्कत बढ़ जाएगी।
ऐनालिस्ट्स का कहना है कि जियो के ताजा कदमों के कारण तीनों कंपनियों के एबिट्डा (अर्निंग्स बिफोर इंट्रेस्ट, टैक्स, डेप्रीसिएशन ऐंड अमॉर्टाइजेशन) में अगली चार तिमाहियों में बड़ी गिरावट आ सकती है। कंपनियों के कारोबारी प्रदर्शन में एबिट्डा एक अहम पैमाना होता है। यह किसी कंपनी के कर्ज चुका सकने की क्षमता का संकेत देता है।
जेएम फाइनैंशल ने कहा कि वित्त वर्ष 2018 के पहले और दूसरे तिमाही में तीनों कंपनियों के लिए एबिट्डा में तिमाही दर कमी उसके अनुमान से 'कहीं ज्यादा हो सकती है।' ब्रोकरेज ने 1 अप्रैल को एक नोट में कहा, 'हमें नहीं लग रहा है कि फाइनैंशल इयर 2018 की तीसरी तिमाही से रेवेन्यू/एबिट्डा रिकवरी की पिक्चर साफ होने तक भारती और आइडिया के शेयर प्राइसेज आउट परफॉर्म कर सकेंगे।' एयरटेल का शेयर 31 मार्च को बीएसई पर 0.2% गिरकर 349.95 रुपये और आइडिया का 1.44% गिरकर 85.70 रुपये पर बंद हुआ था।
एक टेलिकॉम कंपनी के सीनियर एग्जिक्युटिव ने कहा कि जियो के ताजा कदमों से 'उसे कस्टमर्स जोड़ने और आमदनी बढ़ाने में मदद मिलेगी, वहीं पहले से कारोबार कर रहीं कंपनियों को मार्केट शेयर और एबिट्डा के मामले में नुकसान होगा।' एबिट्डा लेवल घटने का अर्थ यह है कि 'आगामी महीनों में इन तीन कंपनियों को ज्यादा फाइनैंशल दबाव झेलना होगा क्योंकि कर्ज चुकाने और 4जी नेटवर्क्स में बड़ा निवेश करने में उन्हें मुश्किल होगी।'
ब्रोकरेज मोतीलाल ओसवाल के मुताबिक, भारती एयरटेल के पास जियो के लगभग बराबर डेटा कवरेज और कपैसिटी है, लेकिन टॉप शहरों में कपैसिटी संबंधी जरूरत ज्यादा होगी, लिहाजा उसे कैपिटल इन्वेस्टमेंट्स करते रहना होगा।
ब्रोकरेज जेएम फाइनैंशल ने कहा कि जियो ने प्राइम कस्टमर्स से मिनिमम 303 रुपये चार्ज करने का जो फैसला किया है, उसका मकसद 'जुलाई 2017 (पीएंडएल का पहला महीना) में कुछ रेवेन्यू अश्योरेंस हासिल करना है।'
जेएम फाइनैंशल के ऐनालिस्ट्स ने कहा कि जियो 'पहले महीने में ही एबिट्डा ब्रेक-ईवन हासिल कर सकती है। अगर उसके सभी 7.2 करोड़ सब्सक्राइबर्स (31 मार्च तक की संख्या) 303 रुपये के प्लांस में रिचार्ज करें तो जुलाई में उसे 1900-2100 करोड़ रुपये का रेवेन्यू मिल सकता है।'
एंजेल ब्रोकिंग के फंड मैनेजर मयूरेश जोशी ने कहा कि तीनों कंपनियों ने उम्मीद की होगी कि 31 मार्च को जियो की फ्री सर्विसेज खत्म होने पर उन्हें कुछ राहत मिलेगी, लेकिन 'जियो ने जो हलचल पैदा की है, उसका असर कहीं ज्यादा समय तक रहेगा।'