ब्रिटेनके यूरोपीय संघ से बाहर होने के फैसले से शुक्रवार को दुनिया भर के शेयर बाजारों में कोहराम मच गया। इसके दबाव में बीएसई और एनएसई के सूचकांक भी दो प्रतिशत से अधिक लुढ़क गए, जिससे निवेशकों को पौने दो लाख करोड़ रुपए की चपत लगी। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, प्रमुख शेयर बाजार बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 1,76,980.6 करोड़ रुपए घटकर 99,61,460.55 करोड़ रुपए रह गया जो 01 जून के बाद का निचला स्तर है।
डॉलर की तुलना में रुपया भी 1% से ज्यादा लुढ़क गया। मजबूत डॉलर शेयर बाजार की गिरावट के दबाव में रुपया शुरुआती कारोबार में ही 68.21 रुपए प्रति डॉलर तक लुढ़क गया। इसके बाद रिजर्व बैंक ने वाणिज्यिक बैंकों के जरिए डॉलर की बिकवाली शुरू की, जिससे यह 68 रुपए प्रति डॉलर से ऊपर पहुंचने में सफल रहा। इसके बावजूद यह लगभग चार महीने के निचले स्तर 67.91 पर बंद हुआ। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल पांच प्रतिशत से अधिक की गिरावट में रहा। हालांकि, सुरक्षित निवेश माना जाने वाला सोना 1,205 रुपए चढ़कर घरेलू बाजार में सवा दो साल के उच्चतम स्तर 30,875 रुपए प्रति दस ग्राम पर पहुंच गया। शुक्रवार को सेंसेक्स में इस साल की दूसरी बड़ी 605 अंक की गिरावट आई। इससे पहले 11 फरवरी 2016 को सेंसेक्स 807 अंक लुढ़का था। सेंसेक्स में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट 24 अगस्त 2015 को दर्ज की गई थी। शुक्रवार को सेंसेक्स 604.51 अंक लुढ़ककर 26397.71 अंक और निफ्टी 181.85 अंक टूटकर 26 मई के बाद 8100 अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे 8088.60 अंक पर बंद हुआ। एक समय यह 1,090.89 अंक लुढ़ककर 25,911.33 अंक तक फिसल गया था। लेकिन, बाद में सरकार और रिजर्व बैंक के इस बयान से कि भारतीय अर्थव्यवस्था की नींव काफी मजबूत है और जरूरत पड़ने पर केंद्रीय बैंक बाजार में तरलता बनाए रखने के लिए डालर तथा रुपया उपलब्ध कराने से नहीं हिचकिचाएगा, शेयर बाजार में धारणा सुधरी और सेंसेक्स 26,397.71 अंक पर बंद हाेने में सफल रहा।
चीन की यात्रा पर गए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि भारत ब्रेग्जिट के तात्कालिक और मध्यम अवधि के प्रभावों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। वृहद अर्थव्यवस्था की हमारी नींव मजबूत है। पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार के रूप में हमारे तात्कालिक और मध्यावधि सुरक्षा कवच भी मजबूत हैं। उन्होंने कहा कि सरकार और रिजर्व बैंक तात्कालिक उथल-पुथल से निपटने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था का आधार मजबूत है, बाहरी उधारी कम है और विदेशी मुद्रा भंडार प्रर्याप्त है। इससे आने वाले दिनों में देश की आर्थिक स्थिति अच्छी रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय बाजारों के रुख पर लगातार नजर है। पूंजी बाजार में व्यवस्था बनाए रखने के लिए डॉलर और रुपए की तरलता बनाए रखने समेत सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
जापान का निक्की 7.92, हांगकांग का हैंगसैंग 2.92, दक्षिण कोरिया का कोस्पी 3.09 और चीन का शंघाई कंपोजिट 1.33 फीसदी लुढ़क गया।
अपनी ब्रितानी इकाई जगुवार लैंड रोवर्स से राजस्व का एक बड़ा हिस्सा कमाने वाली टाटा मोटर्स ने सेंसेक्स में सबसे ज्यादा 7.99 प्रतिशत का नुकसान उठाया।
डॉलर के मुकाबले पाउंड में अब तक की सबसे बड़ी 10% की गिरावट दर्ज की गई और यह वर्ष 1985 के बाद के निचले स्तर पर गया।
बीएसई सेंसेक्स 605 अंक लुढ़का साल की दूसरी सबसे बड़ी गिरावट
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