ग्वालियर। कामकाज को सरल बनाने के उद्देश्य से डाक विभाग में शुरू की गई कोर बैंकिंग सेवा अभिकर्ता और कर्मचारियों के लिए परेशानी बन गई है। पिछले 19 दिन से कोर बैंकिंग सर्विस (सीबीएस) का सर्वर ठप पड़ा है। इसके चलते अभिकर्ताओं द्वारा रैकेनिक डिपोजिट के तहत जमा किया जाने वाला करोड़ों रुपया अटका हुआ है।

मई में जमा होने वाला यह रुपया जून शुरू होने के बाद भी जमा नहीं हो सका है। अकेले ग्वालियर में 400 से अधिक अभिकर्ताओं के लॉट (कई लोगों के रुपए एक-साथ जमा करना) अभी तक जमा नहीं हो सके हैं। यह संख्या सिर्फ ग्वालियर की है, जबकि सर्वर ठप होने से यह परेशानी सभी जगह है। अभिकर्ता प्रतिदिन डाकघरों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन पैसा जमा नहीं हो पा रहा।

13 मई को सर्वर ठप्प हुआ था। इसके बाद से अभिकर्ता पैसे जमा करने के लिए परेशान हो रहे हैं। बीच-बीच में लिंक ओपन हुई, लेकिन पैसे जमा करने की प्रोसेस पूरी नहीं हो पाई। इसे लेकर डाक विभाग के अधिकारियों द्वारा संचालनालय को पिछले सप्ताह शिकायत की थी। इसके बाद सर्वर की खराबी को दूर करने के प्रयास शुरू हुए। अभी तक सर्वर ठीक नहीं हो सका है।

संस्थागत वित्त, अल्पबचत विभाग के अनुसार ग्वालियर में 680 अभिकर्ता हैं, जो हर महीने करीब 30 करोड़ रुपए जमा करवाते हैं। डाक विभाग से मिली जानकारी के अनुसार करीब 250 अभिकर्ताओं के ही लॉट जमा हो सके हैं। अभी भी 400 से अधिक अभिकर्ताओं के लॉट जमा होना शेष हैं। इन्हें 15 करोड़ से अधिक रुपए जमा करवाने हैं।

चेन्नई में है सर्वर

डाक विभाग ने कोर बैंकिंग सर्विस की शुरुआत इसी साल जनवरी में की थी। सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस के सहयोग से डाक विभाग यह सर्विस चला रहा है। इसका सर्वर चेन्न्ई में है। चेन्न्ई में मुख्य सर्वर में ही गड़बड़ी आ गई है। इसके बाद से यह सेवा गड़बड़ा गई।

अभिकर्ता ऐसे जमा करते हैं पैसा

डाक विभाग द्वारा सभी अभिकर्ताओं को लॉगइन, पासवर्ड दिए गए हैं। अभिकर्ता जिन-जिन उपभोक्ताओं से रैकेनिक डिपोजिट के पैसे लाते हैं। उन्हें हर महीने पहले उनकी जानकारी लॉगइन पर बनाते हैं। पहले यह लॉट मैनुअल बनता था, लेकिन अब ऑनलाइन ही बनता है। लॉट बनने के बाद पैसा लेकर अभिकर्ता डाकघर पहुंचते हैं। वहां ऑनलाइन ही उनका लॉट जमा होता है। यह लॉट जमा होने में ही 13 मई से परेशानी आ रही है।