भोपाल। सिलाई मशीन पर डिजाइन बनाना आम बात है, लेकिन इससे कोई बेशकीमती कृति तैयार करना अद्भुत है। यही अद्भुत काम किया है पटियाला के कलाकार अरुण बजाज ने। उन्होंने 16 साल की रिसर्च के बाद खास आर्टफॉर्म प्राप्त किया है। उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी शामिल है।

वे गौहर महल में शुक्रवार से शुरू हुए दस्तकारी हाट बाजार में हिस्सा लेने आए हैं। अरुण 28 लाख 36 हजार मीटर धागे से बनी पेंटिंग लेकर आए हैं, जिसकी कीमत एक करोड़ रुपए है।

पिता की कला को हुनर से जोड़ा

अरुण ने बताया, 'मेरे पिताजी दर्जी थे। मुझे बचपन से ही चित्रकारी का शौक था। 12 साल का था, जब पिताजी की परंपरा को चित्रों में उतारने की कल्पना की। 16 साल की रिसर्च के बाद नया आर्टफॉर्म प्राप्त किया। अगले महीने लॉस एंजिल्स में आर-वर्ल्ड थ्रेड फेस्ट होने वाला है। इसमें दस देशों के टॉप-250 चित्रकार हिस्सा लेंगे। इसके लिए में भारत से मेरा चयन किया गया है। फेस्ट में शामिल कलाकारों में ध्ाागों से चित्र बनाने वाला मैं एकमात्र कलाकार हूं।"

300 साल पुराने पेपर पर 'मिनिएचर स्टोन पेंटिंग'

क्राफ्ट बाजार में जयपुर के कलाकार मोहन प्रजापति राजस्थान की प्रसिद्ध 'मिनिएचर पेंटिंग" का कलेक्शन लेकर आए हैं। वे मुगल और राजपूत शैली में चित्र बनाते हैं। मोहन लगभग 100 से 300 साल पुराने पेपर्स पर स्टोन कलर से ऐसी मिनिएचर पेंटिंग्स बनाते हैं, जिनकी बारीकी देखने के लिए लैंस का इस्तेमाल करना पड़ता है। वे हाट में 100 साल पुरानी एक पेंटिंग लेकर आए हैं, जिसकी कीमत 1.5 लाख रुपए है।

इस पेंटिंग में राजपूत रॉयल फैमिली के रहन-सहन को दिखाया गया है। मोहन ने बताया, हम पहले गिलहरी की पूंछ से तैयार ब्रश से काम करते थे, लेकिन सरकार ने इस पर बैन लगा दिया है। अब हम सिंगल हेयर ब्रश से पेंटिंग तैयार करते हैं। हाट बाजार में नवाबी दौर के करीब 150 से 200 साल पुराने चार आने और आठ आने

के स्टांप पर भी मनोज की पेंटिंग्स ने लोगों को लुभाया। उनका आर्ट वर्क काफी बारीकी से दखने लायक है।