नई दिल्ली. जेएनयू में देश विरोधी नारेबाजी का मामला गंभीर हो गया है। नारेबाजी करने वाले 20 लोगों की जो लिस्ट बनाई गई है, उसमें लेफ्ट नेता डी राजा की बेटी का नाम भी शामिल है। सीताराम येचुरी की अगुआई में शनिवार को लेफ्ट नेताओं ने होम मिनिस्टर से मुलाकात की। बीजेपी ने कहा कि जेएनयू में कुछ लोग हाफिज सईद की भाषा बोल रहे हैं। एनडीए के पूर्व अफसरों ने कहा- हम लौटा देंगे अपनी डिग्री...
- मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूर्व सैनिकों ने यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर को एक लेटर लिखा है।
- 1978 बैच के एनडीए अफसरों ने लिखा है कि उन्हें अब जेएनयू से जुड़ा होने में दिक्कत महसूस हो रही है, क्योंकि यह एंटी नेशनल एक्टिविटीज का अड्डा बन गया है।
- उनका कहना है कि अगर ऐसी एक्टिविटीज की इजाजत दी जाती है, तो हम डिग्रियां वापस करने को मजबूर हो जाएंगे।
शनिवार के अपडेट्स...
- कांग्रेस के वाइस प्रेसिडेंट राहुल गांधी शनिवार शाम जेएनयू जा रहे हैं।
- इस बीच, अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा,'' किसी भी एंटी नेशनल एक्टिविटी को सहन नहीं किया जा सकता है। जिन्होंने ऐसा किया है उनकी पहचान होनी चाहिए और उन्हें सजा दी जानी चाहिए।''
- इस बीच, शनिवार दोपहर लेफ्ट नेता दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलने पहुंचे हैं।
- दिल्ली पुलिस ने जेएनयू के सात स्टूडेंट को डिटेन किया है। पूछताछ जारी।
- दिल्ली पुलिस ने जेएनयू के वीसी को लेटर लिखकर रिक्वेस्ट की है कि छह स्टूडेंट्स को उन्हें सौंपा जाए। इन स्टूडेंट्स पर एंटी-नेशनल एक्टिविटीज में शामिल होने का आरोप है।
- होम मिनिस्टर ने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
बीजेपी ने कहा- हाफिज सईद की भाषा बोल रहे हैं जेएनयू में कुछ लोग
- पीएम के लिए कुछ दिनों पहले अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया। राजनीतिक विरोध के नाम पर ज्यादती की जा रही है। जांच जारी है। जो कार्रवाई होनी है, वो होगी।
- जेडीयू के नेता बिहार में अपराधीकरण कर रहे हैं। इशरत को बिहार की बेटी बताया गया था, अब क्या सामने आ रहा है ?
- निर्दोष छात्रों का उत्पीड़न नहीं होगा, लेकिन देशद्रोहियों को बख्शा नहीं जाएगा।
राजनाथ से मुलाकात के बाद लेफ्ट नेताओं ने क्या कहा?
- सीपीएम नेता सीताराम येचुरी, सीपीआई लीडर डी. राजा और जेडीयू नेता केसी त्यागी शनिवार सुबह इस मसले पर राजनाथ सिंह से मुलाकात करने पहुंचे।
- मुलाकात के बाद येचुरी ने कहा, ''ये मामला गंभीर है। इस तरीके से पूरी यूनिवर्सिटी पर देशद्रोही होने की छाप लगा कर कार्रवाई की जा रही है। यह इमरजेंसी से भी बदतर हो रहा है।''
- ''जेएनयू के स्टूडेंट देशद्रोही हैं, ये कोई नहीं मानेगा। यूनिवर्सिटी से देश के सबसे बड़े आईएएस, आईएफएस और कई बड़े अफसरों के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने वाले विद्वान निकले।''
- ''हाल में ही नए वीसी को अप्वॉइंट किया गया है। उन्होंने पुलिस को परमिशन दी। सरकार वीसी बदल देती है और वे मनमानी करते हैं।''
- ''आरएसएस की विचारधारा लागू करवाने के लिए एजुकेशनल इंस्टीट्यूट पर हमला हो रहा है। मिनिस्टर ने कहा कि किसी निर्दोष पर केस नहीं होगा।''
- ''हमने कन्हैया को रिलीज किए जाने की मांग की है। मिनिस्टर ने पुलिस कमिश्नर को बुलाया।''
- ''वीडियो में दिख रहे स्टूडेंट पर कार्रवाई होनी चाहिए या नहीं? जिन 20 स्टूडेंट्स की लिस्ट बनाई गई है, वे नारेबाजी करने वालों में नजर नहीं आते। इसमें डी राजा की बेटी का भी नाम है। यह गलत है।''
- बता दें कि शुक्रवार को जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन के प्रेसिडेंट कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी का लेफ्ट पार्टियों ने विरोध किया था।
- डी राजा ने कहा,''मेरी बेटी और मुझ पर देशद्रोह का आरोप लगाने वाले क्या पागल हैं?''
- लेफ्ट नेता सीताराम येचुरी, डी राजा और नीलोत्पल बसु शनिवार शाम 5 बजे जेएनयू कैम्पस जाकर स्टूडेंट्स से मुलाकात करेंगे।
प्रेस क्लब में लगे थे पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे...
- 9 फरवरी को जेएनयू में संसद पर आतंकी हमले के दोषी अफजल गुरु और मकबूल भट को लेकर एक प्रोग्राम था। लेकिन विरोध हुआ और कुछ स्टूडेंट्स ने आतंकियों के फेवर में 'इंडिया गो बैक' के नारे लगाए थे।
- इसके बाद 10 फरवरी की रात दिल्ली प्रेस क्लब में प्रोग्राम के दौरान कुछ लोगों ने 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाए थे।
- जेएनयू के मामले में बीजेपी सांसद महेश गिरी और एबीवीपी ने वसंतकुंज थाने में केस दर्ज कराया।
- वहीं, प्रेस क्लब में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने पर दिल्ली पुलिस ने खुद केस दर्ज किया, जिसमें अलगाववादी नेता एसएआर गिलानी मुख्य आरोपी हैं।
- दिल्ली पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ देशद्रोह (124ए) और आपराधिक साजिश रचने (120बी) की धाराओं में केस दर्ज किया है।
क्या हुआ था जेएनयू में?
- लेफ्ट स्टूडेंट ग्रुप्स ने संसद अटैक के दोषी अफजल गुरु और जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के को-फाउंडर मकबूल भट की याद में एक प्रोग्राम ऑर्गनाइज किया था।
- इस प्रोग्राम को पहले इजाजत को मिल गई थी। लेकिन एबीवीपी ने इसके खिलाफ यूनिवर्सिटी के वीसी एम. जगदीश कुमार के पास शिकायत की।
- इसके बाद जेएनयू एडमिनिस्ट्रेशन ने परमिशन वापस ले ली।
- प्रोग्राम साबरमती हॉस्टल के सामने 9 फरवरी को शाम 5 बजे होना था।
- टेंशन तब बढ़नी शुरू हुई, जब परमिशन कैंसल करने के बावजूद प्रोग्राम हुआ। एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया।
- प्रोग्राम होने से नाराज एबीवीपी ने बुधवार को जेएनयू कैम्पस में बंद बुलाया।
- बता दें कि अफजल को 9 फरवरी, 2013 और मकबूल भट को 11 फरवरी, 1984 को फांसी दी गई थी।
क्या कहा था वीसी ने?
- जगदीश कुमार के मुताबिक, "यूनिवर्सिटी के वीसी के होने के नाते यह मेरी रिस्पॉन्सिबिलिटी है कि कैम्पस में शांति बनी रहे।"
- "कैम्पस के अफसरों ने मीटिंग कर यह फैसला लिया कि इस इवेंट की इजाजत नहीं दी जा सकती। हमने ऑर्गनाइजर्स को भी बताया था कि प्रोग्राम की परमिशन कैंसल कर दी गई है।"
पुलिस ने क्या कहा था?
- वसंतकुंज पुलिस स्टेशन के एसएचओ के मुताबिक, "जेएनयू एडमिनिस्ट्रेशन ने हमें इन्फॉर्म किया था कि यूनिवर्सिटी में एक कॉन्ट्रोवर्शियल मुद्दे को लेकर अलग-अलग स्टूडेंट्स के दो गुटों बीच टकराव हो सकता है। इसी के चलते पुलिस कैम्पस में मौजूद थी।"
- "कैम्पस में कोई घटना नहीं घटी, लेकिन पुलिस ने सावधानी बरतते हुए सारी तैयारियां कर ली थीं।"
क्या कहना था स्टूडेंट लीडर्स का?
- जेएनयू स्टूडेंट यूनियन (JNUSU) के ज्वाइंट सेक्रेटरी सौरभ कुमार शर्मा ने कहा था, "परमिशन रद्द कर देने के बावजूद यह इवेंट हुआ। न केवल साबरमती होस्टल के बाहर प्रोटेस्ट हुआ, बल्कि गंगा ढाबे तक मार्च भी निकाला गया।"
- जेएनयूएसयू के प्रेसिडेंट और आइसा लीडर कन्हैया कुमार के मुताबिक, "लेफ्ट ऑर्गनाइजेशन फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन और लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करने के अधिकार को छीनने के खिलाफ है, इसलिए हमने प्रोग्राम को सपोर्ट किया।"
- कन्हैया के मुताबिक, "एडमिनिस्ट्रेशन ने लास्ट मोमेंट पर ऑर्गनाइजर्स को बताया कि परमिशन कैंसल कर दी गई है। ऑर्गनाइजर्स ने भी वक्त पर जानकारी न मिलने की बात कही थी।"
- इस पर एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने कहा कि यहां न तो पुलिस थी और न ही कोई गार्ड था।
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