जबलपुर। दो साल पहले पवित्र क्षेत्र घोषित किए जा चुके नर्मदा तट ग्वारीघाट में पॉलीथिन को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। शनिवार को कलेक्टर शिवनारायण रूपला, महापौर स्वाती गोडबोले और एसपी डॉ आशीष के साथ व्यापारियों,नाविकों, पंडो की बैठक हुई। इस बैठक में सभी ने वादा कि पॉलीथिन पर रोक लगाने वे खुद आगे आकर काम करेंगे।

वहीं लोगों को पॉलीथिन का उपयोग करते पाए जाने पर 500 रुपए का जुर्माना चुकाना होगा। यदि कोई श्रद्धालू पॉलीथिन लेकर आया तो उसे भी 100 रुपए का जुर्माना चुकाना होगा। ये पहल पिछले कुछ माह से लगातार हो रही बैठकों और कई स्वंय सेवी संस्थाओं की मांग के बाद शुरू हो सकी हैं। हालांकि पवित्र क्षेत्र के नोटिफिकेशन में ये प्रतिबंध पहले से शामिल है। बावजूद इसके दो साल का समय इस प्रतिबंध को लागू करने में बीत गया।

संकल्प, न पूजन न नाव का सफर करने देंगे

- ग्वारीघाट तट सहित आस पास क्षेत्र के व्यापारियों ने महापौर व अफसरों के सामने संकल्प लिया कि वे कभी पॉलीथिन नहीं बेचेंगे और उपयोग करने वालों को भी रोकेंगे। व्यापारी संघ अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने सभी व्यापारियों को इस काम में सहयोग देने का निवेदन किया।

- यदि कोई व्यापारी पॉलीथिन बैग आदि बेचते पाया गया तो उससे जुर्माना वसूला जाएगा।

- इसी तरह का संकल्प घाट पर पूजन कराने वाले पंडो और नाविकों ने भी लिया।

- नाविकों ने कहा कि वे पॉलीथिन लेकर आने वाले श्रद्धालुओं को नाव की सवारी नहीं करने देंगे।

- पंडों ने वादा किया कि वे पॉलीथिन का उपयोग करने वाले श्रद्धालुओं का पूजन-हवन नहीं कराएंगे। यदि कोई पुजारी ऐसा करेगा तो उससे 500 रुपए जुर्माना वसूला जाएगा।

आज से बैन पॉलीथिन

- बैठक में निर्णय के मुताबिक रविवार से ग्वारीघाट में कहीं भी पॉलीथिन नहीं बेची जा सकेगी। वहीं उसके उपयोग पर भी प्रतिबंध का पालन करना होगा।

- भंडारों के दौरान उपयोग होने वाले पॉलीथिन बैग, थर्माकोल के बर्तन, डिस्पोजल कप, प्लेट्स, दोना आदि पर भी प्रतिबंध रहेगा।

- उमाघाट सहित अन्य घाटों पर होने वाले भंडारों में भी लोग इस तरह की सामग्री का उपयोग नहीं कर सकेंगे।

- इस प्रतिबंध का पालन नगर निगम जोन के अधिकारी व कर्मचारी, एसडीएम, तहसीलदार, सीएसपी, पुलिस थाना प्रभारी को हर स्तर पर जाकर रोक लगवाना होगी।

सिर्फ कागज या जूट के बैग

पवित्र क्षेत्र में पूजन या अन्य सामग्री ले जाने के लिए आपको सिर्फ कागज,जूट या कपड़ों से बनें थेलों का उपयोग करना होगा। दुकानदार भी कागज से बनी थैलियों में ही सामग्री देंगे। वहीं दीपदान करने वाले छोटे पेड़ के पत्तों वाले दोना का उपयोग किया जाएगा।

- सभी दुकानों के सामने कचरा डालने वाले डस्टबिन रखना होगा। जिन लोगों को प्रतिबंध की जानकारी नहीं है, उनसे पॉलीथिन लेकर कचरादान में डलवानी होगी।

ये संस्था दे रही कागज के बैग

शहर में नर्मदा को स्वच्छ रखने और शहर की समस्याओं को दूर करने वाला एक जन समस्या निवारण ग्रुप काम कर रहा है। पिछले कुछ माह से इस ग्रुप के सदस्य लगातार ग्वारीघाट तट के दुकानदारों को कागज व रद्दी पेपर से बनें बैग उपलब्ध करा रहा है। ग्रुप सदस्यों का कहना है कि प्रतिबंध के बाद उनकी ओर से ज्यादा संख्या में कागज व जूट के बैग दिए जाएंगे। जिससे प्रदूषण को रोका जा सके।

ये रहे मौजूद

बैठक में नगर निगम एमआईसी सदस्य एवं स्वास्थ्य विभाग प्रभारी मनप्रीत सिंह आनंद, क्षेत्रीय पार्षद श्रीमती प्रिया पटेल, प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के क्षेत्रीय अधिकारी, पूर्व पार्षद मनीष दुबे, एमआईसी सदस्य कमलेश अग्रवाल, श्रीमती इन्द्रजीत कुंवरपाल सिंह शेरू, अतिरिक्त आयुक्त निगम जीएस नागेश, उपायुक्त राकेश अयाची, एसडीएम अरविंद सिंह, नगर पुलिस अधीक्षक, तहसीलदार मुनव्वर खान, डॉ शैलेन्द्र पाण्डे,आचार्य विनोद दुबे मौजूद रहे।