केंद्रीय सूचना आयोग में तीन सूचना आयुक्तों की नियुक्ति केंद्र द्वारा इस विषय में दायर याचिका पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद ही की जायेगी। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया सरकार इस मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले का इंतजार करेगी जिसे अंतरिम रूप से चार जनवरी के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
आयोग में रिक्त पदों को भरने में देरी पर सरकार को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है
आरटीआई कानून के तहत सूचना मांगने वाले लोगों की शिकायतों और अपीलों पर सुनवाई करने वाले केंद्रीय सूचना आयोग में एक मुख्य आयुक्त और दस सूचना आयुक्त होते हैं। इस समय बसंत सेठ, यशोवर्धन आजाद, शरत सभरवाल, मंजुला पराशर, एम ए खान युसूफी, मदभूषणम श्रीधर आचार्युलू और सुधीर भार्गव के रूप में सात सूचना आयुक्त हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली एक समिति ने पूर्व रक्षा सचिव आर के माथुर को मुख्य सूचना आयुक्त चुना
डीओपीटी ने वर्ष 2014 में मुख्य सूचना आयुक्त और आयुक्तों के पदों को भरने के लिए आवेदन आमंत्रित किया था। इसके जवाब में आये आवेदनों से सभी पदों को भरने के बजाय डीओपीटी ने इस वर्ष सितंबर में एक बार फिर आवेदन आमंत्रित कर किया। इसी बीच 16 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली एक समिति ने पूर्व रक्षा सचिव आर के माथुर को मुख्य सूचना आयुक्त चुना। ऐसा वरिष्ठतम आयुक्त को इस आयोग का अध्यक्ष बनाये जाने की परंपरा को तोड़ते हुए किया गया।उच्च न्यायालय के छह नवंबर के एक आदेश के बाद डीओपीटी ने उच्चतम न्यायालय का रूख किया। उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को छह सप्ताह के भीतर पिछले साल के विज्ञापन के जवाब में आवेदन करने वाले 553 लोगों में से सीआईसी और सूचना आयुक्तों की नियुक्ति करने का आदेश दिया था।
सूचना आयुक्तों की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के अगले आदेश के बाद
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