बीजिंग। शेनजेन शहर के एक औद्योगिक क्षैत्र में भारी भूस्खलन के बाद 91 लोग लापता हैं। 14 लोगों को मिट्टी के नीचे से बाहर निकाला गया। इस भूस्खलन को देश की सबसे भीषण शहरी आपदाओं में से एक माना जा रहा है। आपदा के स्तर को देखते हुए सरकार को बचाव के प्रयासों को बढाना पडा। सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि 91 लोग लापता हैं, जिनमें 59 पुरूष और 32 महिलाएं हैं।

इस आपदा में एक टूटते हुए पहाड से सैंकडो टन मिट्टी नीचें गिरी और इसने 33 इमारतों को अपनी चपेट में ले लिया। इसकी वजह से शेनजेन के एक औद्योगिक पार्क में स्थित गैस स्टेशन में विस्फोट भी हो गया। मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए चल रहे बचाव कार्यों में 1500 से ज्यादा बचावकर्मी लगे हुए हैं, जिनमें दमकल कर्मी, पुलिस और स्वास्थ्यकर्मी शामिल हैं।

बचाव कार्यों के अधिकारी ने कहा कि उन्हें घटनास्थल पर तीन अलग-अलग जगहों पर जीवित लोगों के संकेत मिले हैं। बचावकर्मी मलबे में फंसे लोगों को बचाने के लिए मुश्किल भौगोलिक स्थितियों से जूझ रहे हैं। शेनजेन के दमकल विभाग के अधिकारी ए़ क्षूओकियान ने कहा, यह स्थान बहुत संकरा है और एक ढलान पर अवस्थित है। इसलिए बचाव कार्यो में बहुत परेशानी आ रही है।

उन्होंने कहा कि बचाव कार्यों में कई बाधाएं आ रही हैं, जिनमें बारिश, रात के वक्त कम दृश्यता और मिट्टी की भारी मात्रा शामिल है। भूस्खलन के कारण 33 रिहायशी और औद्योगिक इमारतें दब गईं है। चीन की माइक्रो ब्लॉगिंग साइट वाइबो पर शेनजेन नगरपालिका सरकार ने कहा कि भूस्खलन की वजह से नजदीक के एक गैस स्टेशन में विस्फोट भी हो गया।

चीन की सोशल मीडिया पर ऐसी कई वीडियोज चल रही हैं, जिनमें शहर में लाल मिटटी का सैलाब साफ दिखाई पडता है। शाम तक बचावकर्मियों ने 900 से अधिक लोगोंं को घटनास्थल से निकाला।

घटनास्थल पर मौजूद भूविज्ञानी विशेषज्ञों के मुताबिक, 60 हजार वर्ग मीटर से अधिक क्षैत्र में औसतन छह मीटर की मोटाई वाली मिट्टी फैल गई है। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और प्रधानमंत्री ली क्विंग ने तत्काल बचाव कार्यों को अंजाम देने और इस आपदा की वजह से किसी दूसरी आपदा को आने से रोकने के आदेश दिए हैं।