भागलपुर। देश के इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट में प्रवेश का सपना देखने वाले छात्र-छात्राओं के लिए आने वाले दिनों में टॉप संस्थानों में प्रवेश का रास्ता बदला-बदला सा होगा। देश के 30 नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी), 12 इंडियन इंस्टीट्यूट आफ इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी (आईआईआईटी), 16 केंद्रीय व राज्य विश्वविद्यालयों सहित विभिन्न तकनीकी संस्थानों में दाखिले के लिए होने वाली प्रारंभिक परीक्षा ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (जेईई) मेंस-2016 के लिए अभी इंतजार ही है।
गत वर्ष सात नवंबर से जेईई मेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई थी। जेईई एडवांस की परीक्षा तिथि तय हो चुकी है, लेकिन नोटिफिकेशन अभी तक जारी नहीं हुई है। सीबीएसई की ओर से देशभर में इंजीनियरिंग दाखिलों के लिए जेईई मुख्य परीक्षा आयोजित कराई जाती है।
इस बार जेईई परीक्षा से पहले छात्र-छात्राओं की मानसिक जांच के लिए एप्टीट्यूड टेस्ट लेने की तैयारी की जा रही है। ऐसे में 12वीं पास कर चुके सभी अभ्यर्थी या 12वीं के सभी परीक्षार्थियों में से एप्टीट्यूड टेस्ट में सफल होने वाले अभ्यर्थी ही जेईई परीक्षा में बैठ पाएंगे। यह परीक्षा वैज्ञानिक तर्क शक्ति व नवोन्मेषी क्षमता यानी साइंटिफिक एप्टीट्यूड व इनोवेटिव एबिलिटी पर आधारित होगी।
इस संबंध में हाल ही में प्रो. अशोक मिश्रा की अध्यक्षता वाली विशेषज्ञ समिति ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार को रिपोर्ट सौंपी है। समिति के अनुसार जेईई परीक्षा प्रणाली में ऐसे बदलावों का उद्देश्य विद्यार्थियों की कोचिंग संस्थानों पर निर्भरता समाप्त करना है। आईआईटी के अनुसार यह प्रक्रिया 2017 से लागू हो सकती है। फिलहाल जेईई मेंस व एडवांस की प्रक्रिया पहले जैसी रहेगी।
कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार यह ऑनलाइन परीक्षा वर्ष में दो या अधिक बार आयोजित की जाएगी। इस परीक्षा में प्रदर्शन के आधार पर टॉप चार लाख अभ्यर्थी शॉर्टलिस्टेड किए जाएंगे। वे छात्र जेईई परीक्षा में बैठ पाएंगे। जेईई परीक्षा में टॉप के 40 हजार अभ्यर्थियों का चयन आईआईटी और एनआईटी की एडमिशन काउंसिलिंग के लिए किया जाएगा, जो कॉमन काउंसिलिंग होगी। ऐसे में जेईई एडवांस का औचित्य भी खत्म हो जाएगा, जिससे आईआईटी पर अतिरिक्त दबाव भी कम होगा। हालांकि इस वर्ष दो चरण में परीक्षा होगी। जेईई मेन में सफल टॉप डेढ़ से दो लाख परीक्षार्थी जेईई एडवांस में शामिल होंगे।
इंजीनियरिंग की तैयारी करा रहे शिक्षक राकेश कुमार की मानें तो इस प्रक्रिया के लागू करने के बाद सीबीएसई और स्टेट बोर्ड को 11वीं व 12वीं की पढ़ाई पर विशेष जोर देना होगा। शिक्षक राजीव नयन के अनुसार बोर्ड को ऐसी व्यवस्था बनानी होगी, ताकि 12वीं में स्कूलों में ही समय-समय पर साइंटिफिक एप्टीट्यूड व इनोवेटिव एबिलिटी से संबंधित क्लास एक्सपर्ट के माध्यम से छात्रों को मिले।
इस परीक्षा को पास करने वाले शीर्ष दो लाख अभ्यर्थियों को आईआईटी में दाखिले के लिए होने जा रही जेईई एडवांस परीक्षा में शामिल होने का मौका मिलेगा। आईआईटी गुवाहाटी ने जेईई एडवांस की तिथि 22 मई 2016 तय कर दी है, जिसका नोटिफिकेशन इसी हफ्ते जारी होने की संभावना है।
जबकि सीबीएसई की ओर से अभी तक जेईई मेंस की तिथि तय नहीं की गई है। सीबीएसई के ऑफिशियल सोर्सेज के मुताबिक बोर्ड ने तैयारियां शुरू की हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि 20 नवंबर के बाद इसका नोटिफिकेशन जारी हो जाएगा। परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र अभिनव का कहना है कि बोर्ड का जल्द से जल्द तिथियां तय कर देनी चाहिए, जिससे उन्हें तैयारी की रणनीति बनाने में आसानी हो।
दूसरी ओर, इंजीनियरिंग विशेषज्ञ विपिन बलूनी का कहना है कि आईआईटी की तैयारी के लिए छात्र को अलग से रणनीति बनाने की जरूरत होती है। उसे अगर जल्द पता चल जाएगा कि जेईई मेंस कब होगी तो उसी टाइम पीरियड के हिसाब से तैयारी आसान होगी।
इस वर्ष बदल सकती है आईआईटी व एनआईटी में प्रवेश की प्रक्रिया
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