नई दिल्ली. देश में पिछले 11 साल में रेप के मामले तेजी से बढ़े हैं। साल 2001 की तुलना में 2014 में ये मामले दोगुने से भी ज्यादा बढ़े हैं। शादीशुदा महिलाओं की को टॉर्चर किए जाने के मामले भी ढाई गुना बढ़े हैं। यह खुलासा शुक्रवार को जारी ‘भारत में महिलाओं की स्थिति’ रिपोर्ट में हुआ है।
रिपोर्ट में और क्या
यह रिपोर्ट तिरुवनंतपुरम में जेंडर इक्वलिटी या लैंगिक समानता पर इंटरनेशनल कांफ्रेंस के दौरान जारी की गई है। इसके मुताबिक 2001 में देश में रेप के 16,075 मामले थे, जो 2014 में बढ़कर 36,735 पर पहुंच गए। जबकि शादीशुदा महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामले 49,170 से बढ़कर 1,22,877 तक जा पहुंचे। इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए बनाई गई कमिटी की चेयरपर्सन पाम राजपूत है।
उन्होंने कहा, ‘रिपोर्ट का मकसद हस्तक्षेप की सिफारिश करना है। वह भी महिलाओं की आर्थिक, कानूनी, राजनीतिक, शैक्षणिक, स्वास्थ्य और सामाजिक-सांस्कृतिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए। चौंकाने वाली बात यह भी है कि स्वास्थ्य के मामले में 142 देशों की सूची में भारत 141 वें स्थान पर है।’ देश में महिलाओं की स्थिति में सुधार के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
महिलाओं और बच्चों के लिए अलग से बजट होना चाहिए
राजपूत ने कहा, ‘आर्थिक विकास और एजुकेशन लेवल बढ़ने के बावजूद महिलाओं के पास मर्जी से फैसले लेने की आजादी बेहद कम है।’ कमिटी ने कहा कि महिलाओं और बच्चों के लिए अलग से बजट होना चाहिए।
भारत में महिलाओं की स्थिति पर रिपोर्ट में खुलासा: दोगुने हुए रेप के मामले
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