मैसूर के 18वीं सदी के शासक टीपू सुल्तान की जयंती मनाने को लेकर विवाद बढ़ने के बीच ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता गिरीश कर्नाड और भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा को सोशल मीडिया पर कथित तौर पर जान से मारने की धमकी मिली है। वहीं भाजपा ने गुरुवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के इस्तीफे की मांग की।

मुखर कन्नड़ नाटककार और अभिनेता कर्नाड तथा मैसूरू से भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा को टीपू सुल्तान के बारे में टिप्पणी करने को लेकर कथित तौर पर सोशल मीडिया पर जान से मारने की धमकी दी गयी है। इस बीच टीपू की जयंती मनाने को लेकर मदिकेरी में मंगलवार को हुयी हिंसा में मृतकों की संख्या बढ़कर दो हो गयी है। गोलियों से जख्मी एक युवक की मौत हो गयी।

कर्नाटक सरकार ने मंगलवार को आधिकारिक रूप से टीपू की जयंती मनायी थी। टीपू के शासन को लेकर मतभेद है और कुछ इतिहासकार उन्हें राष्ट्रभक्त बताते हैं जो ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी से लड़े। दूसरी ओर राज्य के लोगों का एक तबका उन पर हिन्दू और ईसाई दोनों के धार्मिक उत्पीड़न करने का आरोप लगाता है। भाजपा और कुछ अन्य हिन्दू दक्षिणपंथी संगठनों ने समारोहों का बहिष्कार किया था और विरोध में प्रदर्शन किया था।

कर्नाड की उनकी इस टिप्पणी को लेकर खासी आलोचना हुयी कि बेंगलूरू अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा का नाम शहर के संस्थापक केंपे गौड़ा के बदले टीपू सुल्तान के नाम पर रखा जाना चाहिए। कर्नाड को उनके बयान के लिए टिवट्र पर धमकी मिली कि उनका हश्र तर्कवादी एम एम कलबुर्गी के समान ही होगा। उत्तरी कर्नाटक के धारवाड में दो लोगों ने हाल में कलबुर्गी की हत्या कर दी थी। मैसूर-कोडागु के भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा को भी एक फेसबुक पोस्ट के जरिए जान से मारने की धमकी दी गयी। सिम्हा ने मदिकेरी में हिंसा को लेकर टिप्पणी की थी।

इस बीच भाजपा ने टीपू की जयंती पर समारोह आयोजित करने को लेकर हुयी हिंसा में दो लोगों की मौत के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के इस्तीफे की मांग की और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या अब वह किसी मार्च का नेतृत्व करेंगी और सिद्धरमैया को हटाने की मांग करेंगी।

भाजपा ने कहा कि सिद्धरमैया कानून व्यवस्था से निपटने में नाकाम रहे। इसके साथ ही पार्टी ने कर्नाड और सिम्हा को धमकी दिए जाने की जांच कराए जाने की मांग की। पार्टी ने तर्कवादी कलबुर्गी के हत्यारों की गिरफ्तारी में देरी पर भी सवाल किया।

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को इस्तीफा दे देना चाहिए। दो लोगों की मौत हो गयी और वह कानून व्यवस्था की स्थिति से ठीक से नहीं निपट सके। क्या सोनिया गांधी बेंगलुरु जाएंगी और इसके खिलाफ मार्च करेंगी? क्या वह सिद्धरमैया के इस्तीफे की मांग करेंगी?’’

देश में बढ़ती असहिष्णुता के माहौल के खिलाफ सोनिया ने तीन नवंबर को अपने प्रमुख नेताओं के राष्ट्रपति भवन मार्च का नेतृत्व किया था। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर घृणा फैलाने वाली घटनाओं का ‘‘समर्थन’’ करने का आरोप लगाया था।

सिम्हा ने मदिकेरी में मंगलवार को हुयी हिंसा में विहिप नेता कुड्प्पा की मौत पर सरकार तथा पुलिस के रूख पर सवाल किया था। टीपू सुल्तान के शासनकाल में हिन्दूओं के ‘‘उत्पीड़न’’ के दावों के बीच लोकसभा सदस्य टीपू के कटु आलोचक रहे हैं।

फेसबुक पेज ‘मैसूरू टाइगर शहीदे मिल्लत महान टीपू सुल्तान’ पर एक पोस्ट में कथित रूप से सिम्हा की तस्वीर कुट्टप्पा के फोटो के साथ दिखायी गयी और धमकी दी गयी कि यदि वह ‘‘मुसलमान विरोधी टिप्पणियां’’ करके राजनीति करते रहे तो उनकी हालत भी विहिप नेता जैसी होगी।

‘इंटॉलरेंट चंद्र’ नामक ट्विटर हैंडल से कथित तौर पर कहा गया है कि अगर कर्नाड इस तरह के बयानों से कन्नड़ लोगों को भड़काते रहे तो उनका हाल कलबुर्गी वाला ही होगा। इसके बाद उनके घर पर पुलिस की एक टुकड़ी तैनात कर दी गयी है लेकिन कर्नाड धमकी से अप्रभावित दिखे।

उन्होंने कहा कि वह ट्वीट से चिंतित नहीं हैं। अगर लोग ट्वीट (धमकी) करते हैं तो यह लगभग तय है कि उनके पास साहस नहीं है। उन्होंने कहा कि कलबुर्गी की हत्या भाड़े के अपराधियों ने की जो ट्वीट नहीं करते हैं।
उन्होंने कहा कि हालांकि वह ट्वीट को गंभीरता से नहीं लेते, वह ‘‘सरकार की जिम्मेदारी को गंभीरता से लेते हैं….। अगर सरकार महसूस करती है कि आपकी जान खतरे में है और वे सुरक्षा मुहैया कराना चाहते हैं तो मैं सहयोग करूंगा।’’

सिम्हा ने हालांकि कहा कि जिस दिन उन्हें धमकी मिली, उसी दिन यानी मंगलवार को पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के बाद भी ‘‘अब तक कुछ नहीं किया गया है।’’

मंगलवार को राज्य सरकार की ओर से आयोजित टीपू जयंती पर एक कार्यक्रम के दौरान विवादास्पद टिप्पणी में कर्नाड ने कहा था कि ‘‘उपयुक्त’’ होता कि देवनहल्ली में बेंगलूरू अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का नाम केंपे गौड़ा के स्थान पर टीपू सुल्तान के नाम पर कर दिया जाए। कर्नाड ने बुधवार को कहा था कि अगर उनके बयान से किसी को चोट पहुंची है तो वह माफी मांगते हैं।

कर्नाड की टिप्पणी का कई संगठनों ने विरोध किया था। इनमें वोक्कालिंगा समुदाय से जुड़े कई संगठनों के अलावा कन्नड़ निकाय, दक्षिण पंथी संगठन और भाजपा शामिल हैं। केंपे गौड़ा प्रभावशाली वोक्कालिंगा समुदाय से आते थे।

इस बीच केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने इस सुझाव को तवज्जो नहीं दिया कि बेंगलुरु हवाई अइ्डे का नाम बदलकर टीपू सुल्तान के नाम पर हो न कि शहर के संस्थापक केंपे गौड़ा के नाम पर। नायडू ने दिल्ली में कहा, ‘‘बेंगलुरु हवाई अड्डे का नाम उनके नाम पर रखने का फैसला किया जा चुका है। लोगों ने इस फैसले का स्वागत भी किया है। अब एक बार फिर वही मुद्दा उठाने और अलग नाम का सुझाव देने का कोई मतलब नहीं है। अब इस मुद्दे पर विचार विमर्श करने की कोई तुक नहीं है जबकि हवाई अड्डे का नाम एक महान हस्ती के नाम पर है, जिनकी बेंगलुरु शहर बनाने में अहम भूमिका थी।’’

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, ने बुधवार को स्पष्ट किया था कि सरकार का लेखक के विचारों से कोई लेना देना नहीं है और बेंगलुरु हवाई अड्डे का नाम बदलने का कोई सवाल नहीं उठता। कनार्ड ने जिस कार्यक्रम में टिप्प्पणी की थी, मुख्यमंत्री भी उसमें मौजूद थे।

कई मुद्दों पर भाजपा के साथ असहमति रखने वाली सहयोगी शिवसेना भी इस विवाद में शामिल हो गयी और टीपू सुल्तान को ‘‘क्रूर’’ बताया। इसके साथ ही पार्टी ने शिवाजी के साथ टीपू की तुलना को विरोधात्मक करार दिया। पार्टी सांसद अरविन्द सावंत ने कहा, ‘‘ टीपू सुल्तान एक क्रूर शासक थे जिन्होंने हिन्दुओं का नरसंहार किया और जिनका इस्लाम के अलावा किसी अन्य धर्म के अस्तित्व में भरोसा नहीं था। उन्होंने मंदिरों और चर्चों को ध्वस्त कर दिया। और वे कहते हैं कि वह एक अच्छा शासक थे?’’

उन्होंने टीपू की तुलना शिवाजी से किए जाने पर भी आपत्ति जतायी और कहा, ‘‘उनकी तुलना छत्रपति शिवाजी महाराज के साथ कैसे की जा सकती है जिन्होंने कभी गलती नहीं की, कभी भी महिलाओं के शील और धार्मिक स्थानों की पवित्रता का उल्लंघन नहीं किया…।’’

उन्होंने कहा, ‘‘शिवाजी के मन में गरीबों और धरती पुत्रों के प्रति करूणा थी, भले ही उनकी जाति, धर्म, पंथ कुछ भी हो। टीपू में ये सब गुण नहीं थे।’’

इस बीच विहिप ने मदिकेरी घटना के विरोध में कल (शुक्रवार) को सुबह 11 बजे से एक घंटे के रास्ता रोको कार्यक्रम का आह्वान किया है। विहिप के संगठन सचिव गोपाल ने बेंगलुरु में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने पीड़ित के परिवार के लिए 25 लाख रुपए के मुआवजे की भी मांग की है।’’