भोपाल। सूखा और कीट से खराब हुई फसल को देखते हुए राज्य सरकार किसानों को राहत देने विधानसभा का एक दिन का विशेष सत्र बुलाएगी। यह महत्वपूर्ण निर्णय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट में अनौपचारिक चर्चा के बाद लिया गया। बैठक में वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव एपी श्रीवास्तव ने बताया कि किसानों को राहत देने के राजस्व मद में 772 करोड़ का बजट मंजूर है, जबकि जरूरत करीब सात हजार करोड़ की है। ऐसे में सरकार को अनूपुरक बजट लाना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगला अनुपूरक बजट दिसंबर में आना है, लेकिन हम इतना लंबा इंतजार नहीं कर सकते। दो दिन में पूरी कानूनी और वित्त प्रक्रिया तय कर लें, जिससे सात दिन के शार्ट नोटिस पर विशेष सत्र बुलाया जा सके। इस पर मंत्री गोपाल भार्गव और नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि विशेष सत्र बुलाने से किसानों में अच्छा संदेश जाएगा कि उनके लिए सरकार इतनी गंभीरता से सोच रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक किसानों को पूरी तरह से राहत राशि नहीं बट जाती प्रदेश में निर्माण कार्य सहित खर्च वाले सारे कामों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई गई है। बैठक में सभी मंत्रियों ने एक-एक माह का वेतन मुख्यमंत्री सहायता कोष में देने की बात भी कही। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अच्छा कदम है। इस संबंध में हम विधायकों से भी बात करेंगे। बैठक में यह बात भी उठी कि राहत राशि केवल जरूरत मंद किसानों को ही बांटी जाए इसकी पुख्ता व्यवस्था की जाए। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा आयकरदाता किसानों राहत राशि नहीं दी जाएगी।

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रोक दो एक माह का वेतन

कैबिनेट में मंत्री विजय शाह ने कहा कि किसानों को राहत बांटने में यदि पैसों की कमी आ रही है तो प्रदेश के सभी कर्मचारियों का एक माह का वेतन रोक दिया जाए, इस पर कई मंत्री हंस पड़े। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप वरिष्ठ मंत्री हैं, सोच समझकर बोलें। पूरी बात समझ लें। हमारे पास पैसों की कमी नहीं है। यहां बात राजस्व के बजट 58 के मद में पैसा नहीं है, इसे तकनीकी रूप से विधानसभा से मंजूर करवाना होगा। तभी हम पैसा खर्च कर सकते हैं।

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किसानों को दी जाए नगदी

मंत्री विजय शाह ने कहा कि किसानों को राहत राशि सहकारी बैंकों के माध्यम से नहीं बांटी जाए। सरकार अपने खर्च रोक कर किसानों की मदद के लिए पैसा देगी। बैंक उस पैसे को किसान के कर्ज में एडजस्ट कर देंगे। ऐसा पहले कई बार हो चुका है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि नगद पैसा बांट दिया जाए। वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव श्रीवास्तव ने कहा कि नगद पैसा नहीं बांटा जा सकता। मुख्यमंत्री ने कहा क्यों नहीं, पहले भी बांटा जा चुका है। उन्होंने कहा कि हम किसानों को राहत देने के लिए राहत राशि दे रहे हैं उसके पास ही पैसा न पहुंचे तो क्या मतलब। उन्होंने यह भी कहा कि दो दिन में इस पर विचार कर लिया जाए कि किसानों को तत्काल राहत राशि का लाभ कैसे दिया जा सकता है।

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कांग्रेस हाईजेक कर लेगी सत्र

सूत्रों ने बताया कि कैबिनेट के बाद मुख्यमंत्री ने कुछ मंत्रियों से अलग चर्चा की। इस दौरान एक-दो मंत्रियों ने कहा कि बजट में राहत राशि बढ़ाने के लिए अलग से सत्र बुलाने की जरूरत नहीं है। हम कैबिनेट में इसे मंजूर कर बाद में विधानसभा में पारित करवा सकते हैं। मंत्रियों ने कहा कि यदि सत्र बुलाते हैं तो कांग्रेस समाचार पत्रों में सुर्खियां बटोरने के लिए इसे हाईजेक करने का प्रयास करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा सोच विचार कर निर्णय लिया गया है सत्र बुलाया जाएगा। इस बैठक में मंत्री जयंत मलैया, गोपाल भार्गव, रामपाल सिंह, भूपेन्द्र सिंह, गौरीशंकर बिसेन और नरोत्तम मिश्रा मौजूद थे।


कैबिनेट में 33 फीसदी महिला आरक्षण सहित 84 दंगा पीड़ितों को पेंशन देने का प्रस्ताव मंजूर

सरकार के प्रवक्ता एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि प्रदेश में वन विभाग को छोड़कर सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने का निर्णय लिया गया। 1984 के सिख दंगों के पीड़ितों को 2500 पेंशन देने का भी निर्णय हुआ है। किसानों को एक लाख कर्ज लेने पर 90 हजार रुपए जमा करने होंगे। यह सभी फैसले चुनाव आयोग से अनुमति मिलने के बाद ही लागू किए जाएंगे।