इंदौर: सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा ने मंगलवार को कहा कि भारतीय टीम को यदि दुनिया की नंबर एक टीम बनना है तो बार-बार छोटी छोटी गलतियां दोहराने से बचना होगा।

फिलहाल वनडे रैंकिंग में दूसरे नंबर पर काबिज भारत कानपुर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले वनडे में जीत की दहलीज पर पहुंचकर पांच रन से हार गया था। रोहित ने कहा कि भारत की डैथ गेंदबाजी और मैच फिनिश करने की क्षमता चिंता का सबब है, लेकिन खिलाड़ी इतने परिपक्व हैं कि वापसी कर सके।

उन्होंने कहा, 'इस तरह की चीजें होती है लेकिन कोई बहाना नहीं बनाया जा सकता। हमें एक यूनिट के रूप में कड़ी मेहनत करनी होगी। यदि हमें नंबर एक टीम बनना है तो इस तरह की गलतियां नहीं कर सकते। उम्मीद है कि हम एक-सी गलतियां नहीं दोहराएंगे क्योंकि चैम्पियन टीमें ऐसा नहीं करती। हम इस तरह के हालात का सामना करने के लिये काफी परिपक्व हैं।'

भारतीय गेंदबाजों ने आखिरी 10 ओवरों में 100 रन दिये हैं, जिसमें दक्षिण अफ्रीकी कप्तान एबी डिविलियर्स ने कहर बरपाया। गेंदबाजी के बारे में पूछने पर रोहित ने कहा कि भारतीयों को डिविलियर्स जैसे बल्लेबाजों के सामने चतुराई से गेंदबाजी करनी होगी।

उन्होंने कहा, 'डैथ ओवरों में गेंदबाजी चिंता का विषय है लेकिन आपको डिविलियर्स जैसे बल्लेबाजों के सामने अधिक चतुराई से गेंदबाजी करनी चाहिये। पिछले कुछ मैचों में सिर्फ दक्षिण अफ्रीका ही नहीं बल्कि बांग्लादेश और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी हमने आखिरी पांच ओवरों में छोटी-छोटी गलतियां की।'

वहीं धवन के खराब फॉर्म के बारे में पूछने पर रोहित ने कहा कि वह जल्दी ही फॉर्म में लौटेगा। विश्व कप में शिखर ने सबसे ज्यादा रन बनाये थे। बांग्लादेश के खिलाफ भी उसने सबसे ज्यादा रन बनाये लिहाजा दो मैचों के खराब फॉर्म को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है।'

बड़ी पारियां खेलने के आदी हो चले रोहित ने कहा, 'मैं हर जगह बड़ी पारी खेलने का प्रयास करता आया हूं। यह सिर्फ भारत में खेलने की बात नहीं है। मैं हर जगह बड़ी पारी खेलना चाहता हूं। शीर्षक्रम का बल्लेबाज होने के नाते मुझ पर यह बड़ी जिम्मेदारी है। भारत के हालात के बारे में हमें दूसरी जगहों से ज्यादा पता है लिहाजा अपने घर में खेलने का थोड़ा फायदा मिलता ही है।'

उन्होंने कहा, 'शतक जमाने के बाद आप थोड़ा रिलेक्स हो जाते हैं जिससे एकाग्रता भंग होती है। ऐसे में आपको एक बल्लेबाज के तौर पर खुद को चुनौती देनी होती है। मैंने कानपुर में यही किया क्योंकि वहां विकेट बल्लेबाजी के लिये आसान नहीं था।'