ग्वालियर। व्यापमं कांड की जांच कर रही सीबीआई को आखिरकार स्थायी ठिकाना मिल गया। राज्य सरकार ने चंबल कॉलोनी स्थित जल संसाधन विभाग के रेस्ट हाउस को सीबीआई के लिए अलॉट कर दिया है। इसी रेस्ट हाउस में स्थायी ऑफिस तैयार कराया जाएगा। फर्नीचर व कंप्यूटर के साथ-साथ पहरेदारी के लिए पुलिस खड़ी होगी। सीबीआई ने राज्य सरकार पर व्यापमं की जांच प्रभावित करने का आरोप लगाय था। उसके बाद से सीबीआई को सुविधाएं दी गई हैं।

30 सितंबर को सीबीआई के डीएसपी ने जांच में आ रही कठनाइयों से हाईकोर्ट को अवगत कराया था। सीबीआई ने अपने आरोपों में बताया था कि सरकार जांच को प्रभावित कर रही है। ऑफिस के लिए चंबल कॉलोनी में जो रेस्ट हाउस दिया गया था, उसके दो कमरों पर एक इंजीनियर ने ताला डाल दिया है, जिससे जांच करने में कठिनाई आ रही है। जांच के लिए संसाधन उपलब्ध नहीं कराए हैं।

इसके अलावा कृषि विश्वविद्यालय के इंटरनेशनल हॉस्टल में रहने के लिए जो कमरे दिए गए हैं, उन्हें भी खाली कराए जाने का दबाव बनाया जा रहा है। सीबीआई के इस आरोप के बाद राज्य सरकार हिल गई। सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए सीबीआई को वे सब सुविधाएं उपलब्ध कराने का फैसला लिया है, जिनकी उसे जरूरत है। अब लेटर जारी कर उन्हें अलॉटमेंट किया जा रहा है। लेटर से स्थायी अलॉटमेंट हुआ है। जल संसाधन विभाग ने रेस्ट हाउस से अपना सामान हटा लिया है और कमरों की चाबी सीबीआई को दे दी है।

10 लोगों के रुकने व्यवस्था की

- कृषि विश्वविद्यालय के इंटरनेशनल हॉस्टल में सीबीआई अधिकारियों के रुकने की व्यवस्था की गई थी, लेकिन हॉस्टल को खाली कराए जाने का दबाव बनाया जा रहा था। अब हॉस्टल की डोरमेट्री अलॉट कर दी है, जिसमें करीब 12 लोग रुक सकते हैं और काम कर सकते हैं। यह डोरमेट्री वातानुकुलित है।

- सीबीआई को आने व जाने के लिए नई गाड़ी उपलब्ध कराई जाएगी। वर्तमान में एक एंबेसडर कार दी है, जिसे सीबीआई को चलाना मुश्किल हो रहा है।

35 लोगों का स्टाफ काम करेगा

- व्यापमं कांड के सर्वाधिक केस ग्वालियर-चंबल संभाग में रजिस्टर्ड हैं। जांच के लिए 35 लोगों का स्टाफ दिया गया है। जो केसों की जांच करेंगे। स्थायी दफ्तर बनने के बाद सीबीआई के 35 अधिकारी ग्वालियर आएंगे।

- दफ्तर व रहने की व्यवस्था नहीं होने से सीबीआई के अधिकारी काम करने नहीं आ पा रहे थे, जिससे जांच गति नहीं पकड़ पा रही थी।

दो क्वार्टरों की दी थी चाबी

- सीबीआई के आरोपों के बाद चंबल कॉलोनी में एक एफ टाइप क्वार्टर व जजेज बंगले के पास स्थित आरईएस के क्वाटरों की चाबी दी गई थी। आरईएस के क्वार्टर में 10 कमरे थे, लेकिन सीबीआई ने चंबल कॉलोनी व आरईएस के क्वार्टर को रिजेक्ट कर दिया था, क्योंकि दोनों जगहों पर सीबीआई के दफ्तर के अनुकूल नहीं था।

सीबीआई ने ऑफिस के लिए रेस्ट हाउस की मांग की थी। इसलिए रेस्ट हाउस उन्हें अलॉट किया गया है। -एनपी कोरी, मुख्य अभियंता, जल संसाधन विभाग