भोपाल : प्रदेश में बिजली आपूर्ति में निरंतर सुधार हो रहा है। सेन्ट्रल सेक्टर से 100 और प्रदेश के बिजलीघरों से 300 मेगावाट बिजली उत्पादन बढ़ा है। एम.पी.पॉवर मेनेजमेन्ट कंपनी लिमिटेड के प्रबंध संचालक तथा प्रदेश की तीन विद्युत वितरण कंपनी के अध्यक्ष श्री मनु श्रीवास्तव के अनुसार सेन्ट्रल सेक्टर से प्रदेश को निर्धारित अंश 3735 मेगावाट की तुलना में 2050 मेगावाट बिजली प्राप्त होने लगी है। वहीं पॉवर जनरेटिंग कंपनी के ताप विद्युत गृहों द्वारा 1600 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। गत दिवस सेन्ट्रल सेक्टर से मध्यप्रदेश को 1950 मेगावाट बिजली प्राप्त हो रही थी। प्रदेश के ताप विद्युत गृह से 1300 मेगावाट बिजली उत्पादन हो रहा था। इस प्रकार प्रदेश में बिजली उपलब्धता में 400 मेगावाट की बढ़ोत्तरी हुई है। प्रदेश में बिजली आपूर्ति में निरंतर सुधार हो रहा है। प्रदेश के सभी बिजली उपभोक्ताओं को उनकी आवश्यकता के अनुरूप विद्युत प्रदाय सुनिश्चित करने के हर संभव प्रयास किये जा रहे है।

इसी प्रकार श्रीसिंगाजी ताप विद्युत परियोजना की 600 मेगावाट इकाई से बिजली उत्पादन हो रहा है। वहीं जे.पी. निगरी की नवनिर्मित 660 मेगावाट की इकाई से भी अगले कुछ दिनों में बिजली उत्पादन शुरू हो जायेगा। इन दोनों इकाइयों से पूरी क्षमता से विद्युत उत्पादन शुरू हो जाने से प्रदेश की बिजली आपूर्ति की स्थिति में और अधिक सुधार होगा।

प्रदेश में वर्तमान में बिजली की मांग में निरंतर बढोत्तरी का मुख्य कारण मानसून का कमजोर होना तथा खरीफ फसल विशेषकर धान के रकबे में लगातार बढ़ोत्तरी और उसमें अधिक सिंचाई से प्रदेश में बिजली की माँग में पिछले वर्षों की तुलना में वृद्धि दर्ज हुई है। प्रदेश में वर्ष 2010 में धान का रकबा 15.8 लाख हेक्टेयर था, जो साल दर साल बढ़कर वर्ष 2014 में 20.87 लाख हेक्टेयर हो गया है।

पॉवर मेनेजमेंट कंपनी ने बताया है कि पिछले वर्ष 21 अगस्त 2013 को प्रदेश में जहॉ बिजली की मांग 970 लाख यूनिट थी, वह इस वर्ष 21 अगस्त को बढ़कर 1690 लाख यूनिट तक पहुँच गई है। प्रदेश में पिछले वर्ष की तुलना में 74 प्रतिशत तक बिजली की मांग में बढ़ोत्तरी दर्ज हुई है। वर्ष 2013 में 15 से 21 अगस्त तक औसतन बिजली की मांग 4500 मेगावाट थी, जो इस वर्ष की इसी अवधि में 6175 मेगावाट तक पहुँच गई है। प्रदेश में सायंकालीन उच्चतम बिजली की मांग में पिछले वर्ष की तुलना में अप्रत्याशित 3000 मेगावाट बिजली की वृद्धि हुई है।